कृष्णपाल सिंह इंदौर। मप्र शासन द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदेश के शहरों को 17 क्लस्टर में बांटकर पूरे प्रदेश की कचरा प्रबंधन योजना बनाई गई है। इसके तहत इंदौर क्लस्टर 9 नगरीय निकायों का बनाया गया है। इसमें नगर निगम इंदौर, राऊ, महूगांव, मानपुर, बेटमा, हातोद, देपालपुर, गौतमपुरा के नगरीय निकायों को शामिल किया गया है। इंदौर क्लस्टर के इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट प्लानिंग के तहत करीब 473.01 करोड़ खर्च होना अनुमानित है। इस प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के आधार पर किया जाएगा। इसमें केंद्र शासन से 20 व राज्य शासन से 20 प्रतिशत राशि स्वच्छ भारत मिशन के तहत मिलेगी। इसके अलावा 60 प्रतिशत राशि पीपीपी द्वारा प्रोजेक्ट स्थापना के लिए लगाई जाएगी।
घर-घर उठेगा कचरा, ठेकेदार करेगा काम
इंदौर में बनाए गए क्लस्टर में सभी नौ निकायों द्वारा घर-घर कचरा संग्रहण का काम किया जाएगा। टेंडर के माध्यम से चयनित ठेकेदार द्वारा कचरे का परिवहन कर देवगुराड़िया स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड पर पहुंचाया जाएगा। साथ ही शहरों के व्यावसायिक क्षेत्र, सार्वजनिक स्थानों से निकलने वाले कचरे एवं नालियों से निकलने वाली गाद आदि का एकत्रीकरण एवं परिवहन कर प्रोजेक्ट साइट तक पहुंचाया जाएगा। सभी शहरों में आवश्यकतानुसार कचरा पेटियों को रखने एवं उसके रख-रखाव की जिम्मेदारी संपूर्ण ठेका अवधि में ठेकेदार की होगी।
इंदौर रहेगा लीड मेंबर
इस प्रोजेक्ट में इंदौर नगर निगम लीड मेंबर रहेगा। प्रोजेक्ट के तहत कचरे से बिजली बनाने के संयंत्र एवं लैंडफिल के निर्माण कार्य के लिए देवगुराड़िया स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड पर करीब 50 एकड़ भूमि पर उपयोग किया जाएगा। ट्रेंचिंग ग्राउंड पर वर्तमान में पड़े कचरे के निपटान के लिए आठ लाख मीट्रिक टन कचरे का निपटान बायोरेमेडिएशन पद्धति से किया जाएगा। इसके टेंडर जल्द जारी किए जाएंगे। इसके अलावा बचे कचरे के निपटान की जवाबदारी भी ठेकेदार की होगी, जो कचरे को ठिकाने लगाएगा।
तीन लाख टन की क्षमता
लैंडफिल साइट करीब तीन लाख टन क्षमता की, जो वर्तमान में इंदौर निगम के पास उपलब्ध है। वह ठेकेदार को इंदौर निगम द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। इससे वो साइंटिफिक लैंडफिलिंग करेगा व लैंडफिल के पूरा भर जाने पर उसकी कैपिंग कराएगा। इसमें प्रतिदिन निकलने वाले वेस्ट के लिए ठेकेदार को आवश्यकता अनुसार नई लैंडफिल स्वयं के खर्चे से बनाकर उसका उपयोग कर उसकी कैपिंग करना होगा।
जीपीएस से करेंगे मॉनिटरिंग
निगम बाड़े में शामिल होने वाले सभी नए वाहनों पर जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा। इसमें वाहन रूट चार्ट के आधार पर काम करेंगे। इसकी मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल रूम तैयार किया जाएगा। वाहन के रूट चार्ट से बाहर जाने की स्थिति में कंट्रोल रूम से चेतावनी दी जाएगी। इसकी रिपोर्ट रोजाना शाम निगम अफसरों के सुपुर्द की जाएगी कि कौन सा वाहन अपने स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच गया।
एजेंसी करेगी मॉनिटरिंग
स्वच्छ भारत मिशन के तहत शासन के निर्देशानुसार इंदौर में बनाए गए क्लस्टर के मान से काम शुरू कर दिया गया है। इसमें विभिन्न स्थानों से कचरा एकत्रित कर ट्रेंचिंग ग्राउंड में पहुंचाया जाएगा। इसके लिए ठेकेदार का चयन नियमानुसार किया जाएगा जो व्यवस्थाएं संभालेगा। इसमें मॉनिटरिंग के लिए एजेंसी का चयन भी किया जाएगा। इसके बाद निगम स्तर से भी मॉनिटरिंग होगी।
मनीष सिंह, कमिश्नर,
नगर निगम