रफी मोहम्मद शेख इंदौर। 500 और 1000 के पुराने नोट चलन से बाहर होने के बाद से शहर के कई कॉलेज नया खेल कर रहे हैं। विद्यार्थियों से फीस के रूप में 500 व 2000 के नए नोट ही स्वीकार किए जा रहे हैं, जबकि बैंक में जमा कराए जा रहे बंद हो चुके नोट। कमीशनखोरी के चलते कॉलेज के अकाउंटेंट और क्लर्क द्वारा किए जा रहे इस खेल से आला अधिकारी अनजान हैं।
8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद 9 नवंबर से ओल्ड व न्यू जीडीसी, जीएसीसी, होलकर साइंस जैसे कॉलेजों में किसी भी तरह की फीस 500 और 1000 के नोट के रूप में नहीं ली गई। विद्यार्थियों को बैंकों की लाइन में लगकर या अन्य जरिये से 100-100 के नोट लाकर फीस जमा कराना पड़ी।
किसी ने भी नहीं ली आपत्ति
फीस लेने वाले क्लर्क और अकाउंटेंट ने मिलीभगत कर खुल्ले नोटों के बदले पुराने 500 और 1000 रुपए के नोट रख दिए। इनके अनुसार पुराने रुपए जमा करने पर कोई प्रतिबंध नहीं होने और कॉलेज का अकाउंट होने के कारण उन्होंने यह राशि बैंक में जमा कर दी, जिस पर किसी ने आपत्ति नहीं ली। हालांकि शैक्षणिक संस्थाओं को भी अन्य की तरह 8 दिसंबर की रात के बाद ही पुरानी करेंसी लेने पर रोक है।
जमकर चला कमीशन का खेल
कई क्लर्क और अकाउंटेंट ने 10 दिसंबर के बाद कॉलेज के पास रखी रकम में से 10 से 100 रुपए तक के छुट्टे निकालकर 500 व 1000 रुपए के नोट रख दिए। साथ ही यह कहते हुए जमा किए कि उनके पास पहले से आई फीस में विद्यार्थियों ने यही रूपए जमा किए हैं। इसकी जानकारी न तो प्रिंसिपल को थी और न ही अन्य अधिकारियों को। इस तरह क्लर्क व अकाउंटेंट ने दस से 30 प्रतिशत तक कमीशन कमाया। प्राइवेट स्कूल-कॉलेज में भी यही हाल रहा। अधिकांश कॉलेज दो किस्त में फीस भरने की सुविधा देते हैं और दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा से पहले पूरी किस्त जमा कराई जाती है। कॉलेजों में इन दिनों रोज हजारों रुपए फीस के रूप में विद्यार्थियों से नए या जो चलन में हैं, वे ही नोट लिए जा रहे हैं, जबकि जमा कराते समय पुराने नोट बताए जाते हैं।
बैंक से मिल सकती है पूरी जानकारी
उच्च शिक्षा विभाग और कॉलेज प्रबंधन चाहे तो यह फर्जीवाड़ा आसानी से पकड़ा जा सकता है। इसके लिए बैंकों से जानकारी मांगी जाए कि 9 नवंबर से अब तक 500 और 1000 रुपए के कितने नोट कॉलेज के अकाउंट में किसी भी मद में जमा हुए। हालांकि सुगबुगाहट यह भी है कि कॉलेज से संबंधित कुछ लोग इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से शिकायत करने का मन बना रहे हैं। यदि शिकायत हुई तो इन कॉलेजों की परेशानी बढ़ सकती है।
अकाउंटेंट या क्लर्क होंगे जिम्मेदार
कॉलेजों में पुराने नोट लेने की बात ही नहीं है। हमें ऐसे कोई निर्देश नहीं हैं। अगर अकाउंटेंट या क्लर्क नोटों की अदला-बदली कर रहे हैं तो उसके लिए वे खुद जिम्मेदार रहेंगे।
-डॉ. आरएस वर्मा, अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा विभाग