आदित्य शुक्ला इंदौर। 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों की सूची तैयार हो गई है। इसमें नकल माफिया की सक्रियता के चलते बड़ा उलटफेर किया गया है। बीते वर्षों में नकल के लिए विवादित जिन स्कूलों को परीक्षा केंद्र की सूची से हटा दिया था उनके नाम दोबारा जोड़कर उन्हें इस वर्ष परीक्षा केंद्र बनाया जा रहा है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल व शिक्षा विभाग एकजुट होकर हाई स्कूल और हायर सेकंडरी बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने के लिए नए नियम बना रहे हैं, लेकिन नए नियमों को पलीता लगाकर इस वर्ष बोर्ड परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र बनाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। शहर के विवादित नकल माफिया ने मनमाफिक परीक्षा केंद्र बनाने के लिए अधिकारियों व उनके अधीनस्थों को अपने चक्रव्यूह में फंसा लिया है। इससे ऐसे चुनिंदा स्कूल जिनके नाम परीक्षा केंद्रों की सूची से हटा दिए थे, उन्हें दोबारा जोड़ा गया है। प्रक्रिया में नियमों को दरकिनार किया गया है। हालांकि माशिमं ने बीते वर्षों में नियम लागू किया है कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले प्राइवेट परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र सरकारी स्कूल रहेंगे और सरकारी स्कूलों के परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र निजी स्कूल रहेंगे।
जरूरत पड़ने पर ट्रस्ट व अनुदान प्राप्त स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। आने वाली बोर्ड परीक्षा के लिए, जो परीक्षा केंद्रों की सूची बनाई गई है। उनमें अधिकतर प्राइवेट स्कूलों के परीक्षार्थियों को प्राइवेट स्कूलों में ही एडजस्ट किया जा रहा है। इस कारण इस वर्ष नकल माफिया अपने मंसूबे पूरे करने में सफल होता दिखाई दे रहा है।
स्कूल शिक्षा मंत्री का दबाव
बोर्ड परीक्षा के केंद्र बनाने को लेकर इस वर्ष डीईओ कार्यालय और जिला पंचायत के तथाकथित अधीनस्थों की मिलीभगत उजागर हो रही है। नकल माफिया के साथ बेहतर जमावट कर अफसरों के सामने स्कूल शिक्षा मंत्री का दबाव होने की बात कहकर तैयार सूची को ही मान्य करा दिया गया है।
भोपाल तक जमावट
नकल माफिया ने इस वर्ष होने वाली बोर्ड परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र बनाने को लेकर जिले के अधिकारियों के साथ भोपाल तक जमावट कर ली है। इस वजह से आला अधिकारी भी उसी सूची को मान्य करेंगे, जो यहां से पहुंचाई जाएगी।
नियमानुसार बनाए परीक्षा केंद्र
डीईओ अनुराग जायसवाल और सीईओ जिला पंचायत वरदमूर्ति मिश्रा इस बात का दावा कर रहे हैं कि बोर्ड परीक्षा के लिए जो परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, वे नियमानुसार ही बनाए गए हैं। पहले सरकारी स्कूल, ट्रस्ट व अनुदान प्राप्त फिर निजी स्कूलों को शामिल किया गया है। वहीं, नकल कराने वाले स्कूलों के नाम शामिल करने या प्राइवेट स्कूलों के छात्रों को आपस में ही बदलने के मामले में अधिकारी कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं।
ये हैं विवादित
सूत्रों की मानें तो बोर्ड परीक्षा केंद्रों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सहित कई ऐसे स्कूलों को शामिल किया गया है, जिन्हें दो वर्ष से इन स्कूलों को दरकिनार किया जा रहा था।
केंद्रों की सूची भेज दी है
हमने बोर्ड परीक्षा केंद्रों की सूची करीब एक माह पूर्व तैयार कर जिला पंचायत सीईओ को पहुंचा दी है। उन्होंने स्वीकृति देकर मंडल को पहुंचाई है। यदि कोई बदलाव हुआ तो किया जाएगा।
अनुराग जायसवाल
डीईओ