अनिल धारवा/विवान राजपूत इंदौर। प्रदेश सरकार किसानों के हित में लाख दावे और वादे करे, लेकिन इंदौर की चोइथराम फल व सब्जी मंडी में सरकारी मशीनरी इसके ठीक विपरीत काम कर रही है। अधिकारियों द्वारा सांठगांठ कर एक व्यापारी को फायदा पहुंचाते हुए सरकार को खासी चपत लगाई जा रही है। अपने हाथ बचाने के लिए कागजी खानापूर्ति और नाममात्र की राशि दर्शा दी गई, ताकि जांच के दौरान गुमराह किया जा सके।
किसानों की उपज की नीलामी के लिए मंडी में बनाए गए शेड में अफसरों की मिलीभगत से व्यापारी ओमप्रकाश भेरूलाल परिडवाल ने कब्जा कर पक्की दुकान बना ली है। एअरकंडीशंड रूम के दूसरी तरफ प्याऊ बना दिया गया, ताकि यह अवैध दफ्तर एकाएक नजर न आ सके। इससे अन्य व्यपारियों के हौसले भी बुलंद हुए और पूरे शेड में कमीशन एजेंटों का कब्जा हो गया, जिसके चलते किसानों को अपनी उपज लेकर घंटों धूप या सर्दी में खड़े रहना पड़ता है।
मंडी के शेड पर कब्जा कर बना ली पक्की दुकान
जुगलबंदी से चल रहा सारा खेल
वैसे मंडी में किसानों की चुनी समिति है, लेकिन पैसे की चमक में उनके प्रतिनिधि भी अच्छा/बुरा नहीं देखते। किसानहित का दम भरने वाले इन प्रतिनिधियों और अफसरों से मिलीभगत के चलते ही व्यापारियों ने शेड में बड़ा पक्का निर्माण किया है।
निर्माण की अनुमति पर उठे सवाल
जानकारों का कहना है शेड में किसी को भी पक्के निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती, लेकिन मंडी के जिम्मेदारों ने व्यापारी को इसकी अनुमति दी है। हालांकि वे इस संबंध में अधिकृत तौर पर कुछ भी बोलने से बचते रहे।
अनुमति ली है
दुकान का निर्माण अनुमति लेकर ही किया गया। मेरे पास सारे दस्तावेज हैं।
- ओमप्रकाश परिडवाल, व्यापारी
परमिशन तो है
व्यापारी को निर्माण की परमिशन दी गई है। हालांकि इस संबंध में मंडी सचिव ही कुछ बता पाएंगे।
- राकेशसिंह बघेल, प्रभारी, चोइथराम फल-सब्जी मंडी
गड़बड़ियों की चल रही लोकायुक्त जांच
इधर, मंडी में दुकान नीलामी के दौरान हुई कई गड़बड़ियों की जांच लोकायुक्त द्वारा की जा रही है। कई बार लोकायुक्त द्वारा जानकारी मांगी जा चुकी है, लेकिन अफसर गोलमोल जानकारी देते हैं, ताकि जांच में देरी होती रहे और समय गुजरता रहे।