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आईआईटी में बढ़े विद्यार्थी रिसर्च में लगातार पिछडे

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 15 2016 10:33AM | Updated Date: Nov 15 2016 10:33AM
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रफी मोहम्मद शेख  इंदौर। नए कैम्पस में शिफ्ट होने के बाद इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ टेक्नालॉजी इंदौर (आईआईटीआई) में रेगुलर कोर्सेस में तो पिछले सालों में विद्यार्थियों की संख्या तो लगातार बढ़ी है, लेकिन रिसर्च के मामले में वह पिछड़ रहा है। पिछले सालों के आंकड़े देखें तो पीएचडी के साथ ही एमएससी और एमटेक के विद्यार्थियों के एडमिशन और पासआउट विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से आईआईटी लगातार पिछड़ रहा है, जबकि रिसर्च ही उसका मूल उद्देश्य है।

आईआईटी में इस साल पीएचडी में 53 विद्यार्थी रजिस्टर्ड हुए हैं, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 87 विद्यार्थियों का था। 2014-15 को देखें तो 93 विद्यार्थी ने पीएचडी रिसर्च के लिए आईआईटी में दाखिला लिया था। 2013-14 में भी 2015-16 की तरह ही 87 विद्यार्थी पीएचडी में रजिस्टर्ड हुए थे। इस लिहाज से इस साल सीधे-सीधे 40 प्रतिशत विद्यार्थी कम हुए हैं।

समय सीमा में पूरा नहीं
पीएचडी में न केवल एडमिशन कम हुए हैं, बल्कि पीएचडी पूरा करने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी धीमी चल रही है। हालांकि पीएचडी पूरा करने में दो से ज्यादा साल लगते हंै, लेकिन आईआईटी में चूंकि यह रेगुलर मोड में होती है और विद्यार्थी को वास्तविक कार्य करना होता है, इसलिए इन अवधि में इसके पूरा होना माना जाता है। यहां पर ऐसा नहीं हो रहा है। 2013-14 में छह विद्यार्थियों ने इसे पूरा किया था तो 2014-15 में यह बढ़कर 23 हो गई थी, लेकिन 2015-16 में यह फिर से कम होकर 16 हो गई है, जिन्हें इस साल दीक्षांत समारोह में उपाधियां दी गई है।

12 फैकल्टी में पीएचडी
आईआईटी में 12 फैकल्टी में पीएचडी रिसर्च करवाई जाती है। इसमें बेसिक साइंस के अंतर्गत तीन विषय कैमिस्ट्री, मैथमेटिक्स व फिजिक्स शामिल रहते हैं तो इंजीनियरिंग फैकल्टी में कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग व मैकेनिकल इंजीनियरिंग विषय है। वहीं, सोशल साइंस के अंतर्गत इकोनॉमिक्स, अंग्रेजी, फिलोसॉफी, फिजियोलॉजी व सोश्योलॉजी और इंटर डिसीप्लीनरी रिसर्च ग्रुप के अंतर्गत बॉयो साइंस एंड बॉयो मेडिकल इंजीनियरिंग, मटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग व एस्ट्रोनामी जैसे विषय रिसर्च में शामिल रहते हैं। वहीं, एमटेक में कम्युनिकेशन एंड सिग्नल प्रोसेसिंग, प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग और मेटालर्गी इंजीनियरिंग एंड मटेरियल साइंस जैसे विषय शामिल है।

कम हुए पासआउट
साथ ही आईआईटी एमटेक और एमएससी कोर्स को भी रिसर्च के रूप में ही मानता है। वह इनके साथ ही एमटेक-पीएचडी और एमएससी-पीएचडी का ड्यूल कोर्स भी चलाता है। इन कोर्सेस में भी विद्यार्थियों के एडमिशन तो बढ़े हैं, लेकिन पासआउट विद्यार्थियों की संख्या कम हुई है। 2012-14 में 20 विद्यार्थियों से शुरू हुए इन कोर्सेस में 2014-15 में 44, 15-16 में 53 और 2016-17 में 78 विद्यार्थियों ने एडमिशन लिया, लेकिन पास होने वाले विद्यार्थी 2014-15 से क्रमश: 12, 19 व 42 ही रहे हैं।

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