अनिल धारवा इंदौर। भूमाफिया अरविंद बंजारी ने निम्न और मध्यमवर्गीय परिवारों के साथ ही धोखाधड़ी नहीं की है, बल्कि शहर के कई नामचीन और बड़े पूंजीपतियों को भी चपत लगाई है। वह सवा सौ करोड़ रुपए से ज्यादा लेकर रफूचक्कर हो गया है। ऐसे में बड़े पूंजीपति जिन्होंने ब्लैक मनी बंजारी के कारोबार को बढ़ाने में लगाई थी वे पुलिस तक भी नहीं जा पा रहे हैं। हालांकि कुछ लोग जरूर अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस से कर रहे हैं। दूसरी ओर पुलिस भी बंजारी की तालाश में बहुत सुस्त नजर आ रही है।
सेल्समैन से बन गया भूमाफिया
एक ग्रुप के साथ सेल्समैन के रूप में प्रॉपर्टी का काम शुरू करने वाले बंजारी ने सात-आठ साल में शहर के नामचीन बिल्डरों में शुमार हो गया। छह कालोनियों के प्रोजेक्ट्स शुरू कर दिए। सूत्रों के मुताबिक बंजारी ने लोगों से प्लॉट के नाम पर एग्रीमेंट कर पैसा जमा कराया और शहर के 10 से 15 बड़े पूंजीपतियों का पैसा भी उठाया। बताते हैं कि किसी के 10 से तो किसी के 15 करोड़ रुपए तक की राशि बंजारी के पास है। ये लोग अब उनके चक्कर लगा रहे हैं, जिन्होंने बंजारी को उनसे रुपए दिलाए थे।
पुलिस कर रही जांच
सूत्रों की मानें तो पुलिस बंजारी के फर्जीवाडेÞ और धोखाधड़ी की अलग- अलग स्तरों पर जांच कर रही है। उसे आर्थिक रूप से मदद पहुंचाने वाले से लेकर जमीन के करोबार में सौदा कराए जाने पर भी नजर है। पुलिस कॉल डिटेल और जब्त दस्तावेजों के आधार पर कड़ियां मिला रही है।
पुलिस को बयान देने नहीं आ रहे सामने
बंजारी की कंपनी में काम करने वालों में पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों को पुलिस बयान के लिए बुला रही है। कंपनी के ऐसे कई कर्मचारी हैं जो बंजारी से नाता तोड़ चुके हैं, पर पुलिस के हाथ लगे दस्तावेजों में वे भी शामिल हैं। सिमरोल पुलिस ने बंजारी के खिलाफ धोखाधड़ी के दो प्रकरण दर्ज किए हैं। बीएम टॉवर स्थित कार्यालय भी सील कर दिया है। पुलिस अब उसकी तालाश में अलग-अलग प्रदेशों में टीमें भेजेगी।
महू एसडीएम कर रहे जांच
इधर, कलेक्टर पी. नरहरि के निर्देश पर महू एसडीएम संदीप जीआर मामले की जांच कर रहे हैं। 70 से अधिक पीड़ितों ने बंजारी के खिलाफ शिकायत की है। उसके द्वारा कुछ पीड़ित लोगों को दिए चेक भी बाउंस हो गए हैं।