रफी मोहम्मद शेख इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के 1 दिसंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह में विद्यार्थी और अतिथि सालों से चला आ रहा गाउन ही पहनेंगे। यह निर्णय समारोह के लिए हुई बैठक में हुआ है। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के कुलपति ने जल्दबाजी में भारतीय परंपरागत वस्त्र पहनने की घोषणा कर तैयारी शुरू कर दी थी। साथ ही इन्हें खरीद भी लिया गया था, लेकिन स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में इसे साफ तौर से अंतिम बैठक के बाद ही लागू करने की बात सामने आई है।
शनिवार को यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह की तैयारी के लिए बैठक हुई। इसमें कमेटियों के अध्यक्षों को बुलाया गया था। बैठक में कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड़ ने बताया कि शुक्रवार को भोपाल में हुई कुलपतियों की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में दीक्षांत समारोह में पहने जाने वाले ड्रेस कोड पर अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है। इसके लिए बनाई गई कमेटी की एक बैठक और होगी, उसके बाद ही अंतिम प्रस्ताव तैयार कर अगली स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में रखा जाएगा।
बिना निर्णय लागू नहीं
इसके साथ ही यह भी निश्चित हुआ है कि इसके दिशा-निर्देश तैयार होने के बाद ही इसे लागू किया जाना चाहिए, ताकि सभी यूनिवर्सिटी में समान रूप से इसमें एकरूपता बनी रहे। कमेटी की बैठक में ही कुर्ता-पायजामा, पेंट-शर्ट या सलवार-कुर्ता के साथ ही गले में पहने जाने वाले दुपट्टे (अंगवस्त्र) का रंग भी तय किया जाएगा। इसके साथ ही कौन अतिथि कौन-सा अंगवस्त्र पहनेगा यह भी तय किया जाएगा। इसके बाद ही को-आॅर्डिनेशन कमेटी की बैठक में रख इसे लागू किया जाएगा।
अब लेना पड़ा यू-टर्न
इधर, कुलपति और यूनिवर्सिटी की कार्यपरिषद ने स्टैंडिंग व को-आॅर्डिनेशन कमेटी के निर्णय के पहले ही ताबड़तोड़ परंपरागत भारतीय पोशाक पहनने की घोषणा कर दी। जब स्टैंडिंग में फैसला नहीं हो सका और अन्य यूनिवर्सिटी ने एकरूपता के बिना लागू करने से इनकार कर दिया तो यूनिवर्सिटी को अचानक यू-टर्न लेना पड़ा है। खास बात यह है कि यूनिवर्सिटी ने बिना सोचे-समझे यह अंगवस्त्र बाजार से खरीद भी लिए हैं। अब इनका उपयोग हो भी पाएगा या नहीं, यह भी तय नहीं है।
खुद सबके रंग तय कर दिए
इसमें छात्रों के लिए सफेद रंग का शर्ट व काले रंग का पेंट तय किया गया तो छात्राओं को क्रीम रंग का कुर्ता या साड़ी पहनने को कहा गया था। इसके साथ ही अपनी मर्जी से ही कुलपति ने अलग-अलग अतिथियों के लिए अंगवस्त्र यानी दुपट्टों के रंग भी तय कर दिए। कुलाधिपति व कुलपति के लिए केसरिया रंग के साथ ही कुलसचिव को गले में नारंगी रंग, कार्यपरिषद सदस्यों के लिए मेहरून, विभिन्न संकायों के डीन पर्पल और एकेडमिक काउंसिल के सदस्य पीले रंग के अंगवस्त्र तय कर दिए गए। विद्यार्थियों का रंग तय नहीं हो पाया था।