विनोद शर्मा इंदौर। प्रिसेंस एस्टेट में हुई मनमानी के नाम पर जिस फेनी गृह निर्माण सहकारी संस्था के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ पुलिस ने अपराध दर्ज किया था असल में उसके नाम बमुश्किल दो एकड़ जमीन बची है। बाकी जमीन अलग-अलग लोगों के नाम चढ़ी है। इसमें एसडीए डेनमार्क सिटी का भी कुछ हिस्सा है। वहीं जमीन का बड़ा हिस्सा वी.टेक मॉर्कोन प्रा.लि. के नाम पर भी है। कंपनी के डायरेक्टर अतुल सुराना हैं जो दर्जनभर कंपनियों में अरुण डागरिया के भागीदार हैं।
ले-आउट मंजूरी के बिना कर दी थी रजिस्ट्री
महेंद्र जैन की हाउसिंग सोसायटी ने अरुण डागरिया की कंपनी के साथ 1997-98 में प्रिसेस एस्टेट कॉलोनी काटी थी। उस वक्त कॉलोनी 80 एकड़ से ज्यादा जमीन पर थी। 1998 में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट से ले-आउट मंजूर कराए बिना ही प्रिसेंस एस्टेट में प्लॉटों की रजिस्ट्री कर दी थी। अक्टूबर 2016 में लैंड रिकॉर्ड में इसी फेनी संस्था के नाम पर सिर्फ लसूड़िया के सर्वे नं. 324/2 की 0.810 हेक्टेयर जमीन बची है। डागरिया और उनकी पत्नी के नाम पर भी बमुश्किल एक एकड़ जमीन है। संस्था के अध्यक्ष महेंद्र जैन हैं और वे ही फैनी कंस्ट्रक्शन कंपनी प्रा.लि. के भी डायरेक्टर हैं। कंपनी का पता 104-105 सनराइज टॉवर दर्ज है।