26 Apr 2024, 05:47:39 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

विनोद शर्मा इंदौर। इंदौर से लेकर उज्जैन तक को तर करने के बाद नर्मदा अब आम्बाचंदन, दतौदा और हरसोला जैसे महू-सिमरोल के सात गांवों का सूखा दूर करेगी। इसके लिए ग्रामीणों की मांग पर नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) ने 60 करोड़ रुपए की विशेष योजना बनाई है। इसे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी मंजूरी दे चुके हैं। योजना से आने वाला पानी इन गांवों के साथ ही यहां की 10 हजार एकड़ जमीन की जरूरत पूरी करेगा।

नर्मदा-शिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना के बाद एनवीडीए नर्मदा-गंभीर परियोजना पर काम कर रहा है। दोनों योजनाएं सिमरोल और आम्बाचंदन से होकर गुजर रही हैं, लेकिन इन गांवों को इसका फायदा नहीं मिला, न प्रस्तावित योजना में मिल रहा था। अपनी जमीनों से निकली बड़ी-बड़ी नर्मदा लाइनों के बावजूद पानी के लिए आसमान ताकते आ रहे किसानों में इसे लेकर नाराजगी थी। अंतत: किसानों की चिंता और मुख्यमंत्री के निर्देश पर एनवीडीए ने स्कीम बनाई और हरी झंडी के लिए सरकार को भेज दी।

छह हजार से ज्यादा किसानों को मिलेगा फायदा
योजना मूलत: सिमरोल, मेमदी, दतौदा, हरसोला, आम्बाचंदन, बगौरा और चोरड़िया गांव के लिए है। चोरल नदी, महू-सिमरोल रोड और इंदौर-खंडवा रोड पर बसे इन गांवों की आबादी 40 हजार से ज्यादा बताई जा रही है। प्रोजेक्ट के तहत 4000 हेक्टेयर (9880 एकड़) जमीन की सिंचाई होगी।

टेंडर प्रक्रिया जल्द
सीएम से मिली मंजूरी के बाद एनवीडीए ने टेंडर प्रक्रिया के लिए तैयारी कर ली है। जल्द ही टेंडर जारी कर दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि टेंडर दीवाली के आसपास जारी होंगे।

यह है योजना
नर्मदा-गंभीर परियोजना के तहत आम्बाचंदन होते हुए नर्मदा का जो पानी पाइपलाइन के माध्यम से इंदौर और उज्जैन के गांवों को दिया जाना है, उसमें से एक क्यूमिक मीटर/सेकंड (मतलब 1000 लीटर/सेकंड) पानी गांवों को दिया जाएगा।
आपूर्ति पाइप्ड होगी। सूत्रों की मानें तो छह किमी लंबी राइजिंग मेन लाइन डलेगी। इसके बाद छोटी-बड़ी 150 किलोमीटर लंबी लाइन डलेगी। लाइन को ढाई-ढाई हेक्टेयर के चक बनाकर आगे बढ़ाया जाएगा। ढाई हेक्टेयर के चक से अपने पाइप के माध्यम से किसान अगली जमीन तक पानी पहुंचा सकता है।
नर्मदा-गंभीर की तरह यहां प्री-पेड मीटर नहीं लगेंगे, लेकिन पानी की आपूर्ति रबी के सीजन में होगी। इसमें रोटेशन के साथ पानी दिया जाएगा। मतलब 24 घंटों को छह हिस्सों में बांटकर चार-चार घंटे चक बनाकर पानी दिया जाएगा, ताकि सबको बराबर पानी मिले।

धीमी गति से नाराजगी
कंपनी नर्मदा-गंभीर परियोजना पर धीमी गति से काम कर रही है। 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले योजना को जमीन पर उतारा जाना असंभव है। इसीलिए सरकार ने सख्त रवैया अख्तियार कर अपने स्तर पर प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग शुरू कर दी है।

दूर हो जाएगा सूखा
नर्मदा-शिप्रा का पानी सिमरोल से गुजर गया। नर्मदा-गंभीर का आम्बाचंदन से गुजरना है। हमारी जमीन से लाइनें गुजरेंगी तो हमें भी पानी मिले। हमारी मांग के बाद योजना मंजूर हुई है। इससे क्षेत्र का सूखा दूर होगा।
- पूनमचंद मंडलोई, अध्यक्ष, किसान जागृति संगठन, दतौदा

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