विनोद शर्मा इंदौर। सियागंज के जिन चाय-किराना व्यापारियों को इंदौर विकास प्राधिकरण ने स्कीम-54 पीयू-4 में प्लॉट दिए थे उन्होंने 80 प्लॉटों को जोड़कर एक मॉल और 32 मार्केट बना डाले। इसका खुलासा आईडीए की सर्वे रिपोर्ट में हुआ। बावजूद इसके अब तक व्यापारियों की इस मनमानी के खिलाफ जमीन देने वाले प्राधिकरण ने आपत्ति ली और न ही हर प्लॉट का अलग नक्शा मंजूर करने वाले नगर निगम के मैदानी अधिकारियों ने।
मैदानी सर्वे 2015 में कराया था। लोकायुक्त के दबाव में रिपोर्ट बीते दिनों दी। रिपोर्ट के अनुसार अगस्त 2008 तक चाय कारोबारियों को 122 प्लॉट दिए गए थे जबकि किराना कारोबारियों को दिए थे 171 प्लॉट। इनमें से चाय कारोबारियों को मिले 13 प्लॉट पर सी-21 मॉल बना है जबकि अन्य 33 प्लॉटों को जोड़कर 15 मार्केट बनाए जा चुके हैं। कुछ पर काम जारी है। इसी तरह किराना कारोबारियों को मिले प्लॉट 34 प्लॉटों को जोड़कर 17 भव्य भवन बनाए गए।
निर्माणाधीन तो बताया लेकिन रोका नहीं
प्राधिकरण के मैदानी सर्वे में प्लॉटों को जोड़कर बनाए जा रहे 14 भवनों का निर्माणाधीन के रूप में भी उल्लेख किया गया। रिपोर्ट बोर्ड बैठक में भी रखी गई जिसमें महापौर, कलेक्टर और निगमायुक्त भी पदाधिकारी हैं। बावजूद इसके इन निर्माणाधीन भवनों का निर्माण रोकने या फिर निर्माण ध्वस्त करने की कार्रवाई नहीं की गई।
तो विशेष छूट प्राप्त है पीयू-4
सियागंज में आवाजाही के बढ़ते दबाव के कारण चाय-किराना व्यापारियों को शिफ्ट करने के मकसद से आईडीए ने स्कीम-54 पीयू-4 विकसित की थी वह स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड) की तरह सुपर पॉवर बनकर रह गई है। इसीलिए यहां भूमि विकास अधिनियम के उन प्रावधानों का अमल कहीं नजर नहीं आता जिनके उल्लंघन के मामले में नगर निगम तोड़फोड़ की कार्रवाई करता है। फिर मामला एमओएस हजम करने का हो या फिर प्लॉटों को जोड़कर निर्माण करने का।
अब पल्ला झाड़ने की कवायद...
आईडीए का कहना है कि हमने व्यापारियों को जमीन लीज पर दी थी। इसीलिए हमें यही देखना था कि लीज शर्तों का उल्लंघन न हो। उल्लंघन की स्थिति में कार्रवाई की जा रही है। प्लॉटों का नक्शा मंजूर करना और नक्शे के अनुरूप निर्माण सुनिश्चित करने का काम नगर निगम का है जिसका जोनल कार्यालय स्कीम से 200 मीटर ही दूर है। इस काम के लिए निगम ने मैदानी दस्ता नियुक्त कर रखा है।
नगर निगम का मैदानी अमला टालमटौल करते हुए कहता है कि हम तो कुछ समय पहले ही आए हैं। पहले जो अधिकारी आए थे उन्होंने कैसे पर्मिशन दी। इसकी जांच लोकायुक्त कर रही है।
प्लॉट का संयुक्तिकरण कर मार्केट या भवन पीयू-4 में बनाया है, उसकी जांच कराएंगे। साथ ही अवैधानिक व स्वीकृति के विपरीत हुए निर्माण पर कार्रवाई की जाएगी।
-मनीष सिंह, निगमायुक्त
हम लीज उल्लंघन की कार्रवाई कर रहे हैं। निर्माण नियमानुसार हो यह देखना निगम का काम है।
-शंकर लालवानी,
अध्यक्ष आईडीए