कृष्णपाल सिंह इंदौर। शहर का 276 स्क्वेअर किमी एरिया... 26.45 लाख जनसंख्या... 4.70 लाख संपत्तिकर के खाते..., लेकिन नल कनेक्शन मात्र 2.06 लाख और बल्क 700...। दरअसल, पानी पर निगम को हर साल 150 से 200 करोड़ रुपए खर्च होते हैं, जबकि वसूली 40 से 45 करोड़ ही हो पाती है। इस बड़े अंतर को दूर करने के लिए नगर निगम ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर सभी 85 वार्डों में अनुभवी प्लंबर नियुक्त करेगा।
इन्सेंटिव पर रखे जाने वाले ये प्लंबर अवैध नल कनेक्शनों को ढूंढकर उन्हें वैध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इससे नल कनेक्शन की संख्या में इजाफा होगा। इस काम में प्लंबर के इन्सेंटिव की राशि उपभोक्ताओं से ही वसूली जाएगी। मेयर मालिनी गौड़ से सहमति मिलते ही निगम ने गुरुवार को इसके लिए टेंडर जारी कर दिए।
जोन स्तर पर होगी मॉनिटरिंग
निगम द्वारा अधिकृत प्लंबर सभी संसाधनों से लैस होंगे। ये वार्ड में जोन स्तर पर काम करेंगे। इन्हें निगम द्वारा इन्सेंटिव के अलावा कोई पैसा नहीं दिया जाएगा। प्लंबर जिन घरों में कनेक्शन करेंगे, वहां से मार्केट रेट से पाइप व अन्य सामान की राशि उपभोक्ता से ले सकेंगे। इन कनेक्शन की मॉनिटरिंग जोन स्तर पर सब इंजीनियर और एई द्वारा की जाएगी। सभी फाइलें जोन स्तर पर तैयार होगी। इसके अलावा निगम का लाइन स्टाफ भी साथ ही मॉनिटरिंग करेगा।
ऐसे वसूलेंगे दंड और इन्सेंटिंव
अवैध कनेक्शन मिलने पर छह माह की पैनल्टी 1200 रुपए, नए वैध कनेक्शन के 2525 रुपए व इसके साथ ही 100 रुपए इन्सेंटिव के भी उपभोक्ता से वसूले जाएंगे। मतलब, अवैध कनेक्शन पकड़ा जाता है तो निगम को एक कनेक्शन के 3825 रुपए मिलेंगे।
ये हैं शर्तें
आईटीआई से प्लंबर कोर्स या प्लंबर के कार्य का तीन वर्ष का शासकीय, अर्धशासकीय, सार्वजनिक अथवा निजी स्थान का अनुभव।
आवेदक प्लंबर की उम्र 65 वर्ष से अधिक न हो।
दो श्रेणियों में रजिस्ट्रेशन
पाइपलाइन से जल संयोजन के लिए अनुभव प्रमाण-पत्र के साथ आॅटोमेटिक इलेक्ट्रोफ्यूजन मशीन होने का आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करना होंगे।
यह है स्थिति
निगम रिकॉर्ड में दर्ज खाते में कनेक्शन छोटे आकार के हैं, लेकिन असलियत में हैं बड़े।
हजारों की संख्या में अवैध नल कनेक्शन हैं, जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं।
66 प्रतिशत पानी बर्बाद हो रहा।
यह करना होगा
हर वार्ड में बड़े पैमाने पर जांच।
वैध और अवैध नल कनेक्शनों की जांच कर रिपोर्ट देना।
वैध नल कनेक्शन बढ़ेंगे
नगर निगम द्वारा शहर के 85 वार्डों में एक-एक प्लंबर का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। यह पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। इससे नल कनेक्शनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी, जिससे निगम राजस्व में भी वृद्धि होगी और जनता की समस्या का तत्काल समाधान हो सकेगा।
-बलराम वर्मा, जलकार्य
समिति प्रभारी, नगर निगम