विनोद शर्मा इंदौर। ट्रेजर समूह पर कस्टम, सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स विभाग की टीम ने बुधवार को एक साथ छापामार कार्रवाई की। यह कार्रवाई देर रात जारी रही। सर्विस टैक्स चोरी को लेकर की गई कार्रवाई में करीब 2.5 करोड़ की कर चोरी सामने आई है। कस्टम, सेंट्रल एक्साइज विभाग के दो दर्जन अधिकारी ट्रेजर आईलैंड की छठी मंजिल स्थित इंटरटेनमेंट वर्ल्ड डेवलपर्स प्रालि और ट्रेजर समूह के आॅफिस पहुंचे। समूह ने पांच वर्षों में अपने मॉल्स से लीज रेंट तो वसूला लेकिन सर्विस टैक्स नहीं चुकाया। टीम ने फाइलें और कम्प्यूटर खंगाले तथा समूह के किराया कारोबार की वास्तविकता जांची। अधिकारियों ने बताया कि प्रथम दृष्टया जो दस्तावेज हाथ लगे हैं उनके अनुसार करीब तीन करोड़ की कर चोरी सामने आएगी। नियमानुसार 50 लाख से ऊपर की कर चोरी पर समूह के संचालकों को गिरफ्तार किया जा सकता है।
किराए के लिए बढ़ा दिया मॉल
6.5 छह लाख वर्गफीट में बने मॉल में ईडब्ल्यूडीपीएल ने दुकानदारों को 10.66 लाख वर्गफीट माल किराए पर दे दिया था। इस कलाकारी को ग्रॉस लीजेबल एरिया (जीएलए), कॉमन एरिया मेंटेनेंस (केम) और रेंट के नाम से अंजाम दिया गया। यदि दो लाख का ओपन एरिया घटा भी दें तो आठ लाख वर्गफीट का किराया वसूला जाता रहा जो कि रिनोवेशन के नाम पर बढ़ गया।
छाबड़ा और कालानी दोनों बैठते हैं
जिस आॅफिस में कार्रवाई हुई है वहां समूह के संचालक मनीष कालानी और 2015 में 285 करोड़ में ट्रेजर आईलैंड खरीदने वाले गुरजीतसिंह उर्फ पिंटू छाबड़ा व उनके बेटे करणसिंह छाबड़ा बैठते हैं। ईडब्ल्यूडीपीएल ने 2008 में इंदौर ट्रेजर आइलैंड प्रालि नाम से कंपनी बनाई थी, जिसमें करणसिंह 29 अपै्रल 2015 को डायरेक्टर बने।