विनोद शर्मा इंदौर। सिंहस्थ 2016 को सफल बनाने में जिन 5000 अधिकारियों और कर्मचारियों ने रात-दिन एक कर दिए थे उन्हें प्रदेश सरकार सम्मानित कर रही है। सम्मान पाने वालों में कई ऐसे चेहरे भी हैं जो ड्यूटी से भागते फिर रहे थे। कोई ड्यूटी कैंसल कराकर बैठा था तो कोई लगातार शिकायत के बाद मुंह दिखाई करने पहुंचा था। ऐसे चेहरों की संख्या 450 से ज्यादा बताई जा रही है। हालांकि संभागीय अधिकारी इसे त्रुटि बता रहे हैं लेकिन त्रुटि कैसे हुई इसका जिम्मेदारों के पास कोई जवाब नहीं है।
सिंहस्थ में लगातार 45 दिनों तक सेवा देने वालों को विभाग स्तर पर उत्कृष्ट सेवा सम्मान मेडल और प्रमाण पत्र बांटे जा रहे हैं। सभी को मेडल और प्रमाण पत्र मिल चुके हैं। अब 5000 रुपए का नकद मानदेय मिलना बाकी है। लिहाजा अब शिकायतों का दौर शुरू हो चुका है।
कैसे हुआ सम्मान
सिंहस्थ के दौरान शासन ने 19 मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी जो बाद में डीन ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डेमोस्टेÑटर (असिसटेंट प्रोफेसर) से रिप्लेस कर दी गई। किसी जगह ऐसा नहीं हुआ, सिर्फ इंदौर में हुआ। जबकि हम स्वास्थ्य विभाग के नहीं, चिकित्सा शिक्षा विभाग के लोग हैं। बावजूद इसके बीते दिनों हुए सम्मान समारोह में उन लोगों के भी सम्मान हुए जिनके रिप्लेसमेंट भेजे गए थे।
- डॉ. महेंद्र शर्मा, एमजीएम
पीएचई में भी सम्मान
स्वास्थ्य विभाग की तरह ही लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के मैदानी अमले की ड्यूटी भी सिंहस्थ में लगाई गई थी जिसमें कई लोग शासन के सख्त आदेश के बावजूद अपने आकाओं की मेहरबानी से बचे रहे। अलग-अलग अखबारों में भी इसका खुलासा हुआ था। इनमें से कई भी सम्मानित हुए हैं। इनकी शिकायत पीएचई सदस्य सज्जनसिंह भिलवारे भी कर चुके हैं।
इंदौर से 110 को सम्मान
संभाग से भेजे गए 401 में से 110 डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी सिर्फ इंदौर जिले के हैं जिनके सम्मान हुए हैं। इनमें एमवाय और जिला अस्पताल के डॉक्टर भी हैं। एमवाय के डॉक्टरों की जगह एमजीएम मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर भेजे गए। जब उन्होंने एडवांस टीएडीए मांगा था तो उन्हें फटकार मिली थी।
बड़ी त्रुटि, जांच करवाएंगे
ड्यूटी निरस्त होने के बाद भी सम्मान सूची में नाम शामिल होना बड़ी त्रुटि है। जांच करवा रहे हैं।
- डॉ. शरद पंडित, संभागीय संयुक्त संचालक