तेज कुमार सेन इंदौर। शहर से जुड़े एक प्रकरण में लगभग नौ माह से फैसले का इंतजार है। एक धार्मिक स्थल को लेकर दायर इस जनहित याचिका में दोनों पक्षों की बहस के बाद मामले में आदेश सुरक्षित किया गया था।
मामला कनाड़िया रोड पर बायपास के समीप बनी एक मस्जिद का है। इसे लेकर विष्णु ठाकुर नामक व्यक्ति ने एडवोकेट अमितसिंह सिसौदिया, विकास यादव के माध्यम से जनहित याचिका दायर की थी। 4 नवंबर 2015 को जस्टिस पीके जायसवाल व जस्टिस जेके जैन की डिविजन बेंच ने सभी पक्षों की बहस सुन आदेश सुरक्षित रख लिया था। तब से अभी तक इस याचिका पर फैसला नहीं आया है। इस बारे में याचिकाकर्ता के एडवोकेट अमित सिंह सिसौदिया से चर्चा की गई तो उन्होंने स्वीकारा कि उक्त याचिका में फैसले का इंतजार है। इधर, कानून के जानकारों के मुताबिक यह माना जाता है कि किसी भी केस में फैसला रिजर्व होने के पश्चात अधिकतम छह माह तक यदि फैसला नहीं आता है, तो केस फिर से रिलीज हो जाता है जिसमें नए सिरे से सुनवाई प्रक्रिया होती है, लेकिन उक्त प्रकरण में अभी भी मप्र हाई कोर्ट की वेबसाइट पर रिजर्व फॉर आर्डर ही बता रहा है।
यह है याचिका
याचिका में कहा गया है कि करीब 1500 स्क्वेअर फीट उक्त सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध रूप से बिना अनुमति उक्त मस्जिद का निर्माण किया जा रहा है। यह जमीन आईडीए की स्कीम नंबर 175 में होकर मास्टर प्लान में करीब 45 मीटर के प्रस्तावित रोड में शामिल है। वर्तमान में यहां करीब 14 मीटर की रोड है। जब इसे 45 मीटर चौड़ा किया जाएगा, तब इस जगह की जरूरत पड़ेगी, लेकिन इस पर बिना अनुमति मस्जिद बना ली गई। इसमें इंटरविनर डॉ. आसिफ मोहम्मद खान की ओर से तर्क में कहा गया था कि यह मस्जिद सार्वजनिक न होकर निजी जमीन पर बनी है और यहां किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं है। शासन व आईडीए के जवाब में अतिक्रमण व बिना अनुमति मस्जिद बनाए जाने की बात कही गई।