राहुल सेठी इंदौर। भले ही नगर निगम की शहरी सीमा में 29 गांवों को शामिल कर दिया हो, लेकिन इन गांवों में रहने वाले ग्रामीणों की स्थिति पहले से भी बदतर हो गई है। बड़ा बांगड़दा गांव में जर्जर हो चुकी पुलिया से रोजाना जान हथेली में लेकर निकलना ग्रामीणों की मजबूरी बन गई है। ग्रामीणों का कहना है यदि गांव निगम में नहीं आता तो शायद पुल का निर्माण अब तक हो जाता। तेज बारिश के बाद भी भला हो कि फिलहाल कोई घटना नहीं हुई है। अन्यथा किसी दिन बड़ी जनहानि हो सकती है। इसके बावजूद भी नगर निगम और जिला प्रशासन के अफसरों ने मामले में चुप्पी साध रखी है।
बड़ा बांगड़दा क्षेत्र में सिम्बॉयसिस और नरसीमुंजी विवि के लिए शासन ने काफी मात्रा में जमीन दी है। इन दोनों विवि से महज 500 मीटर की दूरी पर बनी एक पुलिया काफी जर्जर स्थिति में है। इसके निर्माण को लेकर कई बार योजना बनी, लेकिन हर बार राजनैतिक दबाव के चलते अधिकारियों ने मामले में दूरी बना ली।
विधायक ने दिया झूठा आश्वासन
ग्रामीणों ने बताया चुनाव के पहले विधायक मनोज पटेल ने कहा था विधायक बनते ही छह माह में पुल का निर्माण करा दिया जाएगा, लेकिन स्थिति ये है कि चुनाव जीतने के बाद वे कभी इस ओर आए ही नहीं। लोगों ने उन्हें समस्या से अवगत भी कराया, फिर भी उन्होंने ध्यान नहीं दिया।
बांगड़दा से पालाखेड़ी का सफर
बांगड़दा से पालाखेड़ी जाने वाले मार्ग पर बनी इस पुलिया को हर दिन हजारों लोग पार करते हैं। इस मार्ग से आगे कई गांव हैं और सुपर कॉरिडोर के समीप कर्इं कॉलोनियां भी विकसित हुई हैं। इन ग्रामीण और शहरी रहवासियों का आना-जाना इसी पुल के माध्यम से होता है।
अधिकारी समस्या पर ध्यान नहीं देते
हमने कई बार अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। लोगों को हर दिन मुश्किलों से पुल पार करना पड़ रहा है। यदि अब समस्या का निदान नहीं किया गया तो हम एकजुट होकर प्रशासन का विरोध करेंगे।
दशरथसिंह सोलंकी, रहवासी
जल्द कराएंगे निर्माण
मेरी जानकारी में है कि पुलिया काफी खतरनाक स्थिति में है। जल्द ही पुलिया का निर्माण कार्य कराया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को मौके पर दौरा करने का निर्देश भी दिया गया है।
भगवानसिंह चौहान, पार्षद
मेरी जानकारी में नहीं
पुलिया को लेकर अब तक मेरी जानकारी में कोई प्रकरण नहीं आया है। यदि पुलिया खतरनाक स्थिति में है, तो शीघ्र ही उसका निर्माण कार्य किया जाएगा।
अनिल बनवारिया, एसडीएम