रफी मोहम्मद शेख इंदौर। सेंट्रल बोर्ड आॅफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) से इस साल हायर सेकंडरी में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को गणित विषय के कठिन परीक्षा पैटर्न में बदलाव कर उन्हें राहत दी है। आईआईटी में एडमिशन के उच्च स्तर को बनाए रखने के चक्कर में पिछले दो सालों से सीबीएसई बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही थी। दरअसल आईआईटी ने एडमिशन के लिए 12वीं में 75 प्रतिशत कटआॅफ रखा है, इसके लिए वे सीबीएसई पर दबाव बनाते थे, कि वे ऐसा परीक्षा पैटर्न रखें की कट आॅफ से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम रहे। इसके चलते बोर्ड ने गणित के पेपर का स्टैंडर्ड इतना ऊंचा कर दिया था कि देशभर में हजारों प्रतिभाशाली विद्यार्थी परीक्षा के बाद डिप्रेशन में चले गए। इसके बाद से ही इसमें बदलाव की मांग उठ रही थी। अब न केवल प्रश्नों का पैटर्न बल्कि उनके नंबर में भी बदलाव किया गया है ताकि विद्यार्थी अधिक नंबर ला सकें।
सीबीएसई एकेडमिक्स ने सत्र शुरू होने के बाद 2017 में होने वाली परीक्षा के लिए नए बदलावों का पैटर्न जारी कर दिया है। सबसे बड़ा परिवर्तन गणित के पेपर में किया गया है। अभी तक गणित के पेपर में एक, चार और छह नंबर के प्रश्न आते थे, लेकिन इस साल इनके साथ ही दो नंबर के प्रश्न भी पूछे जाएंगे।
कुछ में कम
प्रश्नों की संख्या में अब बढ़ोतरी हो गई है। पिछले साल तक कुल प्रश्न 26 आते थे, अब इस साल 29 प्रश्न पूछे जाएंगे। पिछले साल तक पूछे गए एक, चार व छह नंबर के प्रश्न संख्या को कम करके दो नंबर के आठ प्रश्न शामिल किए गए हैं। अब एक नंबर के प्रश्न छह के स्थान पर चार ही होंगे, जबकि चार नंबर के प्रश्न 13 के स्थान पर 11 हो जाएंगे। वहीं छह नंबर का भी एक प्रश्न कम कर दिया गया है। दो नंबर के तीन प्रश्न नए बढ़ाए गए हैं।
मिलेगा बड़ा फायदा
दो नंबर के प्रश्न बढ़ाने का बड़ा फायदा विद्यार्थियों को मिलेगा। एक तो उन्हें अब बड़े प्रश्नों के अतिरिक्त दो नंबर के अधिक छोटे प्रश्न हल करने को मिलेंगे। इससे विद्यार्थियों का समय तो बचेगा ही, साथ ही पूरा या आंशिक उत्तर गलत होने की स्थिति में अधिक नंबर कटने का डर भी नहीं रहेगा। इसके साथ ही दो नंबर के प्रश्नों में आधे नंबर मिलने का चांस भी रहेगा, जो एक नंबर के प्रश्नों में नहीं था। उसमें उत्तर सही होने पर एक और गलत होने पर शून्य नंबर मिलते थे।
नंबर कटने का दबाव कम
नया परीक्षा पैटर्न निश्चित ही विद्यार्थियों की मदद करेगा। दो नंबर के नए प्रश्न शामिल करने से समय बचत के साथ पूरे नंबर कटने का दबाव भी कम होगा। - संदीप शर्मा, सीनियर प्रिंसीपल-एलजी एकेडमी