मुनीष शर्मा इंदौर। आईडीए ने प्रदेश के ख्यात सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज एसजीएसआईटीएस (श्री गोविंदराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान) को वर्ष 2001-02 में बापट चौराहा के पास छह एकड़ जमीन दी थी, लेकिन इस पर गोविंदराम सेकसरिया ट्रस्ट मैनेजमेंट कॉलेज का संचालन करता आ रहा है। इससे जहां एसजीएसआईटीएस के छात्रों का नुकसान हो रहा है, वहीं आईडीए के साथ यह सरासर धोखा है। चूंकि जमीन कॉलेज के नाम पर है और अब कॉलेज खुद भी अपना मैनेजमेंट कोर्स चला रहा है, ऐसे में यह जमीन भी उसे ही उपयोग करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो संभव है आईडीए इसकी लीज निरस्त कर दे।
बताया जाता है रजिस्ट्री से लेकर भवन निर्माण या तत्कालीन खर्च तक इंजीनियरिंग कॉलेज के स्पेशल डेवलपमेंट बोर्ड ने ही किया। यहां इस फंड से लगभग 20 लाख रुपए खर्च किए गए। इसके बाद एक सोसायटी बनाई गई, जो मैनेजमेंट कॉलेज चलाती है। खास बात यह कि इस सोसायटी पर नियंत्रण मुंबई स्थित ट्रस्ट के मुख्यालय से होता है। नियमानुसार जो भी संस्थान यहां चलाया जाना था, उसका डायरेक्टर इंजीनियरिंग कॉलेज का ही होना चाहिए। शुरुआत में जब इंजीनियरिंग कॉलेज का पैसा यहां लगने लगा, तब कॉलेज से ही आपत्ति भी आई, जिसके बाद ये खर्च बंद कर दिए गए।
दोनों ही चला रहे मैनेजमेंट कोर्स
इन दोनों ही कॉलेज में इंजीनियरिंग के साथ मैनेजमेंट कोर्स चल रहे हैं। इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में सेल्फ फाइनेंस कोर्स है, जिसकी प्रति सेमेस्टर फीस 50 हजार रुपए है, जबकि ट्रस्ट के कॉलेज में इसकी आधी फीस ही लगती है। इंजीनियरिंग कॉलेज की पढ़ाई महंगी होने का कारण यह है कि उसे खुद पूरा खर्च उठाना पड़ता है, जिसमें भवन से लेकर पढ़ाने वाले शिक्षकों की तनख्वाह तक शामिल है। यदि दोनों संस्था एक होतीं तो अलग-अलग कॉलेज खोलने का मामला नहीं होता।
कोई बोलने को तैयार नहीं
दबंग दुनिया ने बापट चौराहा स्थित मैनेजमेंट कॉलेज के प्रमुख लोगों से बात करना चाही, लेकिन उनका कहना था हम इस मामले में कुछ नहीं कह सकते। यदि कुछ बात करना हो तो मुंबई स्थित कार्यालय से करें या फिर सोसायटी से जुड़े लोगों से संपर्क करें।
जमीन लेकर अपना कॉलेज शिफ्ट करेंगे
बापट चौराहा के पास वाली जमीन हमें ही मिली थी। वहां शुरू से सोसायटी कॉलेज चला रही थी। इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब हम वह जमीन लेकर अपना मैनेजमेंट कॉलेज शिफ्ट करेंगे। पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए होस्टल व स्टाफ क्वार्टर्स भी बनाएंगे। -राकेश सक्सेना, डायरेक्टर, एसजीएसआईटीएस, इंदौर
गलत हुए तो होगी कार्रवाई
मुझे अभी तक पता नहीं है कि जमीन किसे दी गई और कौन यहां काबिज है। मैं पूरी फाइल निकलवाऊंगा और यदि गलत हो रहा होगा तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। -शंकर लालवानी, अध्यक्ष, आईडीए