रफी मोहम्मद शेख इंदौर। कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले हाई परसेंटेज वाले और टॉपर्स विद्यार्थी तिहरी परेशानी में उलझ गए हैं। अच्छे कोर्स और कॉलेजों में एडमिशन मिलने के बाद जब यह कॉलेजों में अपना वर्तमान एडमिशन कैंसल करवाने गए तो उन्हें जमा फीस वापस नहीं मिल रही है। साथ ही टीसी व माइग्रेशन के लिए भी भटक रहे हैं। न केवल प्राइवेट बल्कि गवर्नमेंट कॉलेज भी उन्हें माइग्रेशन यूनिवर्सिटी से लेने का कह रहे हैं, जो अभी संभव नहीं है। इससे उनके एडमिशन लटक गए हैं।
सेल्फ फाइनेंस में नहीं लौटाते फीस
कॉलेजों में एडमिशन के बाद इंजीनियरिंग, मेडिकल, यूनिवर्सिटी और अन्य संस्थानों में अब एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है। इन विद्यार्थियों का सिलेक्शन वहां हो जाने से इन्होंने अपने-अपने कॉलेजों में एडमिशन निरस्त करवाने के लिए आवेदन लगाकर फीस वापसी की मांग की लेकिन अधिकांश कॉलेज इन्हें फीस वापस लौटाने से इनकार कर रहे हैं, यहां तक कि गवर्नमेंट कॉलेज होलकर साइंस ने भी इसे देने से यह कहते हुए मना कर दिया है कि सेल्फ फाइनेंस कोर्सेस में फीस लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है। केवल रेग्युलर कोर्सेस में फीस लौटाई जाती है। कई प्राइवेट कॉलेज तो रेग्युलर कोर्स में भी फीस वापस नहीं कर रहे हैं।
दोहरी फीस देना पड़ रही
इससे 20 हजार से लेकर 50 हजार रुपए तक फीस जमा कर यह विद्यार्थी फंस गए हैं, क्योंकि इन्हें पहले यही पता था कि दूसरे प्रोफेशनल कोर्सेस में एडमिशन होने की स्थिति में उनकी फीस 100 रुपए काटकर लौटा दी जाएगी। इन्हें सेल्फ फाइनेंस कोर्सेस और सामान्य कोर्सेस में फर्क नहीं पता था। स्थिति यह है कि इन्होंने यहां पर तो एडमिशन कैंसल करवा लिया और एमबीबीएस, बीई जैसे नए कोर्सेस में भारी फीस भरकर एडमिशन लेना पड़ा है। इससे यह खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
टीसी हमारी देंगे
फीस के बाद इन विद्यार्थियों पर एक नया संकट आ पड़ा है। एडमिशन के समय इनसे ओरिजनल टीसी और माइग्रेशन जमा करवाया गया था। अब होलकर साइंस कॉलेज जैसे अधिकांश कॉलेजों ने एडमिशन के बाद इनकी हायर सेकंडरी स्कूलों से मिली टीसी और माइग्रेशन देने से साफ इनकार कर दिया है। इनका कहना है कि आपने हमारे यहां पर एडमिशन लिया था। इसलिए टीसी हमारे कॉलेज की ही मिलेगी। वहीं माइग्रेशन देने का अधिकार यूनिवर्सिटी को है।
यूनिवर्सिटी का भी इनकार
जब यह विद्यार्थी यूनिवर्सिटी पहुंच रहे हैं तो वहां से भी निराशा मिल रही है। इन्हें कम से कम दो महीने बाद आने को कहा जा रहा है। यूनिवर्सिटी के अनुसार एडमिशन के बाद जब उच्च शिक्षा विभाग हमें डाटा भेजेगा और विद्यार्थी का रजिस्ट्रेशन होगा तभी यह माइग्रेशन हम दे पाएंगे। अब विद्यार्थी असमंजस में हैं कि अगर बाद में एडमिशन कैंसल करने की बात कह यूनिवर्सिटी ने माइग्रेशन नहीं दिया तो उनका नया एडमिशन भी कैंसल हो जाएगा।
कॉलेज को पहले बताने थे नियम -कानून
कॉलेज को पहले ही साफ करना था कि कौन से कोर्स सेल्फ फाइनेंस हंै और कौन से रेग्युलर। अब फीस वापसी की बात पर हमें नियम-कानून बताए जा रहे हैं।
- अदिति, विद्यार्थी
माइग्रेशन पर विचार किया जा रहा है
फीस के लिए साफ नियम है कि रेग्युलर कोर्सेस में ही यह लौटाई जाती है। हम वैसा ही कर रहे हैं। उधर माइग्रेशन के संबंध में विचार हो रहा कि क्या करें।
- डॉ. आरके दीक्षित, एड. आॅफिसर, होलकर साइंस कॉलेज
रजिस्टर्ड होने के बाद मिलेगा माइग्रेशन
विद्यार्थी माइग्रेशन के लिए आ रहे हैं, जब तक हमारे पास विद्यार्थी रजिस्टर्ड नहीं होगा, तब तक यह देना संभव ही नहीं है।
- डॉ. अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक