26 Apr 2024, 19:44:05 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

अनिल धारवा  इंदौर। जिले की राशन दुकानों से मुन्नाजी, गोलूजी, रामूजी जैसे नाम से हर महीने राशन लेने वाले फर्जी उपभोक्ताओं पर अब नकेल कसी जा रही है। खाद्य आपूर्ति विभाग ने ऐसे एक लाख से अधिक फर्जी उपभोक्ताओं को राशन देने पर रोक लगा दी, जिनका न तो बैंक में खाता है और न ही आधार नंबर। ये वर्षों से रियायती दरों पर राशन लेते आ रहे थे।

आपूर्ति विभाग ने प्रदेशभर में रसोई गैस की तर्ज पर उपभोक्ताओं के लिए आधार कार्ड और बैंक अकाउंट नंबर जरूरी कर दिया है। जिन्होंने जुलाई तक फीडिंंग नहीं कराई, उन्हें राशन वितरण बंद कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक शहर के वार्ड 34 स्थित राशन दुकान चेतना प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार में 3800 उपभोक्ता हैं। इनमें से 2400 ने ही आधार नंबर और बैंक अकाउंट समग्र पोर्टल पर लिंक कराया, जबकि शेष 1400 को फर्जी मानते हुए राशन वितरण पर रोक लगा दी गई। इनमें से ज्यादातर शक के दायरे में हैं, क्योंकि इनके नाम तो हैं, सरनेम नहीं। शहर में ऐसी कई राशन दुकानें हैं, जहां से बड़ी संख्या में ऐसे फर्जी उपभोक्ता लंबे समय से राशन लेते आ रहे हैं।

आधार और बैंक अकाउंट की नहीं बैठ रही जुगाड़
बताते हैं इन 1400 में से अधिकांश उपभोक्ताओं के सरनेम और पते सहित अन्य पूरी जानकारी नहीं है। अभी तक समग्र पोर्टल पर इनकी आईडी तो जनरेट हो रही थी, लेकिन बैंक अकाउंट और आधार नंबर की जुगाड़ नहीं बैठने से ये बाहर कर दिए गए। हालांकि संचालक का कहना है कि इनके आधार नंबर और बैंक अकाउंट की फीडिंग कराई जा रही है।

अभी यह मिलता है लाभ
अंत्योदय परिवार को 30 किलो गेहूं व पांच किलो चावल मिलते हैं। इसके अलावा पात्र परिवार के प्रति सदस्य को चार किलो गेहूं व एक किलो चावल दिए जाते हैं। वहीं प्रत्येक परिवार को चार लीटर केरोसिन भी मिलता है।

जांच कराकर कार्रवाई करेंगे
जिन राशन उपभोक्ता भंडारों पर फर्जी आईडी बनी होगी और उनके द्वारा राशन वितरण किया जाता रहा, उनकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
-आरसी मीणा, कंट्रोलर, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग

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