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देश में एडमिशन लेकर विदेशी विवि में भी कर सकेंगे पढ़ाई

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 23 2016 12:31PM | Updated Date: Jul 23 2016 12:31PM
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रफी मोहम्मद शेख  इंदौर। अब भारतीय छात्रों का विदेशी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में जाकर पढ़ाई करने का सपना सच हो सकता है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के नए नियमों के बाद अब यह दरवाजा खुला है। इसके अनुसार अब कोई भी भारतीय यूनिवर्सिटी या इंस्टिट्यूट विदेशी यूनिवर्सिटी के साथ करार कर सकती हैं। इसमें अंडर ग्रेजुएट स्तर पर कम से कम दो सेमेस्टर और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर एक सेमेस्टर विदेशी यूनिवर्सिटी में जाकर पढ़ना अनिवार्य होगा। शहर में डीएवीवी सहित कुल 11 इंस्टिट्यूट के पास नेक की ए ग्रेड है। यानी वह विदेशी यूनिवर्सिटी से करार के लिए पात्र हैं।

यूजीसी द्वारा जारी नए गजट नोटिफिकेशन में भारतीय यूनिवर्सिटी या कॉलेजों को विदेशी यूनिवर्सिटी या कॉलेज के साथ करार करने के लिए 2012 में जारी अधिनियमों को निरस्त कर दिया गया है। इसमें यह शर्त थी कि जब तक विदेशी संस्थान नहीं चाहे, तब तक भारतीय संस्थान इस तरह की पहल नहीं कर सकते थे।

केवल टॉप ग्रेड के बीच
नियमों में शर्त रखी गई है कि मेमोरेंडम आॅफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) टॉप ग्रेड वाले संस्थानों के बीच ही होगा। यानी भारत का वो इंस्टिट्यूट या यूनिवर्सिटी ही इसके लिए पात्र होगा जिसके पास नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिशन काउंसिल (नेक) से ए ग्रेड प्राप्त होगी। इसी प्रकार विदेशी इंस्टिट्यूट भी उस देश में लागू संस्थान से टॉप ग्रेड प्राप्त होना चाहिए। अगर इंस्टिट्यूट कोई करार करना चाहता है तो उसे एफिलिएशन देने वाली अपनी यूनिवर्सिटी से भी अनुमति लेना होगी। इसके साथ ही संस्थान को पढ़ाई, करार, फीस, कोर्स, लाइब्रेरी आदि की जानकारी अपनी वेबसाइट पर भी देनी होगी।

डिग्री भारतीय इंस्टिट्यूट की ही
नए नियमों में यह भी साफ कर दिया गया है कि पढ़ाई के बाद मार्कशीट या डिग्री कौन देगा। विद्यार्थी को डिग्री भारतीय इंस्टिट्यूट या यूनिवर्सिटी ही देगी, केवल डिग्री या मार्कशीट पर संबंधित विदेशी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई या एमओयू का जिक्र किया जा सकेगा। संयुक्त डिग्री की अनुमति नहीं होगी। अगर कोई इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उसकी मान्यता समाप्त करने से लेकर कानूनी कार्रवाई तक की जा सकेगी।

इंदौर भी करेगा पहल
शहर की देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी को ए ग्रेड प्राप्त है। कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड़ के अनुसार वो नियमों को समझकर इस संबंध में पहल करेंगे। यहां 10 और ऐसे संस्थान हैं जो ए ग्रेड प्राप्त हैं। इनमें होलकर साइंस कॉलेज, श्री क्लॉथ मार्केट गर्ल्स कॉलेज, जीएसीसी, एमकेएचएस गुजराती गर्ल्स कॉलेज, पीएमबी गुजराती साइंस कॉलेज, वैष्णव इंस्टिट्यूट आॅफ मैनेजमेंट, पॉयोनियर कॉलेज, प्रेस्टिज इंस्टिट्यूट शामिल हैं। डेली कॉलेज का बिजनेस स्कूल इस मॉडल पर पहले से ही विदेशी यूनिवर्सिटी के साथ करार पर काम कर रहा है।

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