अनिल धारवा इंदौर। प्रशासन ने कुछ समय पहले सीलिंग की जमीन की खोजबीन कराई थी। जांच में पता चला अधिकांश सरकारी जमीन पर कई जगह कॉलोनियां बस गई हैं। सबसे अधिक मामले खजराना और चंदन नगर क्षेत्र में मिले हैं। खजराना में कई भूमाफियाओं ने परदे के पीछे रहकर लोगों को मोटी रकम लेकर बसा दिया। बताया जा रहा है कि इन कॉलोनियों में करीब 243 अवैध कब्जे हैं।
हाई कोर्ट तक पहुंचा था मामला
खजराना में सीलिंग की जमीन पर हुए कब्जे के मामले को लेकर एक याचिका राजेंद्र अटल ने हाई कोर्ट में लगाई थी। इस पर प्रशासनिक अधिकारियों से जवाब भी मांगा था, जिसमें अफसरों ने कहा था कि सीलिंग की जमीन पर काटी गई कॉलोनी में 243 कब्जे हैं और प्रशासनिक जांच में 150 से अधिक की जांच हो चुकी है। शेष की जांच चल रही है। इसके बाद कोर्ट ने शेष भूमि पर चल रही तहसीलदार की जांच उचित ठहराकर याचिका का निराकरण कर दिया था। कोर्ट के निर्देशों का हवाला देकर अब अफसर यहां अवैध कब्जे ध्वस्त करने की कार्रवाई करेंगे।
न्याय नगर और पटेल नगर में हुई थी कार्रवाई
प्रशासन ने पहले भी सीलिंग की जमीन पर बसे पटेल नगर के पक्के और कच्चे मकानों को ध्वस्त किया था। तत्कालीन कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने यहां प्लॉट बेचने वाले भूमाफियाओं पर रासुका की कार्रवाई भी की थी। हाल ही में एमआर-10 के पास बसे न्याय नगर में भी 40 से अधिक निर्माण तोड़े गए थे।
नोटरी पर बेचे प्लॉट
जांच में सामने आया है कि गुरुनानक और कृष्णबाग कॉलोनी में भूमाफियाओं ने नोटरी पर प्लॉट बेचे। इसके अलावा एक प्लॉट कई लोगों को बेचा गया।
जांच के बाद कार्रवाई
गुरुनानक कॉलोनी और कृष्णबाग कॉलोनी में जांच जारी है। यहां बने अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया जाएगा।
-अशोक डेहरिया, अपर तहसीलदार