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सवा तीन सौ करोड़ के कर्ज ने निकाला गर्ग का दिवाला

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 9 2016 10:06AM | Updated Date: Jul 9 2016 10:06AM
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विनोद शर्मा  इंदौर। सोयाबीन और सोया आॅइल के बड़े कारोबारियों में से एक कैलाशंचद्र गर्ग दिवालियेपन की दहलीज पर हैं। अम्बिका सॉलवेक्स और लक्ष्मी आॅइल्स को ऊंचाई देने वाले गर्ग आज बैंकों के कर्ज के बोझ से दब चुके हैं। एक ओर, सैटेलाइट हिल्स की जमीन गिरवी रखकर कर्ज देने वाली तीन बैंक उन पर 123.56 करोड़ रुपए की लेनदारी निकालकर बैठी है, वहीं गर्ग पहले से ही स्टेट बैंक आॅफ इंडिया (एसबीआई) के बड़े कर्जदारों की लिस्ट में शामिल हैं।

फरवरी 2016 में बैंकों ने विलफुल डिफॉल्टरों (जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों) की सूची जारी की थी। इस सूची में स्टेट बैंक आॅफ इंडिया के डिफाल्टर कैलाशचंद्र गर्ग का भी नाम है। गर्ग ने बैंक से बड़ा लोन लिया था, जो 30 सितंबर 2012 तक बढ़कर 202 करोड़ 67 लाख 36 हजार 52 रुपए हो गया था। 3 जनवरी 2015 को कंपनी की तमाम संपत्ति बेचने के लिए एसबीआई आॅक्शन विज्ञप्ति भी जारी कर चुकी है। इधर, पिछले तीन साल से यूको बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और कॉर्पोरेशन बैंक भी परेशान हैं जिन्होंने नायता मुंडला स्थित सैटेलाइट हिल्स की जमीन गिरवी रखकर गर्ग को 2010 में 110.5 करोड़ रुपए का कर्ज दे दिया था। गर्ग के आॅफिस, विद्यानगर के दो प्लॉट बेचकर रिकवरी करने के बावजूद अभी 123.56 करोड़ रुपए की वसूली बाकी है।

एक हजार करोड़ की हेरफेर
इनकम टैक्स विभाग ने 2011 में गर्ग के समूह पर छापा मारा था। छापेमारी के दौरान फर्जी कर्ज के किस्से दस्तावेजी प्रमाण के साथ उजागर हुए थे। इन दस्तावेजों से यह भी पता चला था कि कंपनी ने संभवत: 1000 करोड़ रुपए की हेराफेरी की है।

पीएनबी ने बेच दिया आॅफिस
90/47 स्नेहनगर (सपना-संगीता) में सत्यगीता अपार्टमेंट बिल्डिंग है। इस बिल्डिंग में आॅफिस नंबर 304 अम्बिका सॉलवेक्स प्रा.लि. और नारायण निर्यात इंडिया प्रा.लि. का पंजीकृत पता है। इसका क्षेत्रफल 500 वर्गफीट है। जनवरी 2015 में एसबीआई ने इसकी विज्ञप्ति निकाली थी, लेकिन नहीं बिका। बाद में पीएनबी ने इसे कुर्क कर बेच दिया।

एक जगह पर चार बैंकों की नजर

गर्ग से कर्ज वसूली के मामले में नाकाम रही पीएनबी, यूको और कॉर्पोरेशन बैंक नायता मुंडला की जमीन 123.56 करोड़ रुपए की डिमांड के मुकाबले 18 करोड़ रुपए में भी नहीं बेच पा रही है। बैंकों की निगाह बाकी रकम के लिए कंपनी की फैक्टरियों व अन्य संपत्तियों पर थी, लेकिन एसबीआई पहले ही उनके लिए आॅक्शन नोटिस जारी कर चुकी है। उधर, एसबीआई को उम्मीद नायता मुंडला की जमीन से थी लेकिन तीनों बैंक पहले ही वहां नजरें गढ़ाकर बैठी हैं।

एसबीआई ने दांव पर लगाई ये संपत्ति
17.32 करोड़ : अकोला, महाराष्ट्र में 24.111 एकड़ पर फैली फैक्टरी।
16.46 करोड़ : चाकरोद, कालापीपल (शाजापुर) की 2.853 हेक्टेयर जमीन पर स्थित प्लांट।
12.03 करोड़ : पठारिया, दमोह में 10.48 हेक्टेयर जमीन पर स्थित कंपनी।
11.80 करोड़ : प्लॉट नं. 32, महू-नीमच रोड जावरा (रतलाम) में 3.5 एकड़ पर बना प्लांट। जमीन डीआईसी से अम्बिका सॉल्वेक्स ने लीज पर ले रखी है।
29 लाख : सपना-संगीता रोड स्थित कंपनी का आॅफिस।
23.32 करोड़ : पुणे में 6.48 हेक्टेयर गैर कृषि भूमि। यह जमीन नारायण अम्बिका इन्फ्रास्ट्रक्चर के नाम है जिसे 2008 में सैटेलाइट हिल्स के डेवलपमेंट की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। तब कंपनी के डायरेक्टर रितेश उर्फ चंपू अजमेरा भी थे।

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