गौरीशंकर दुबे, सुधीर शिंदे इंदौर। मप्र क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) में मनमानी का आलम किस स्तर पर जा पहुंचा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि होलकर स्टेडियम स्थित अच्छे भले अतिथि कक्षों का रिनोवेशन कराया जा रहा है। वह भी 40 लाख रुपए खर्च करके और बिना टेंडर निकाले।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एमपीसीए अतिथि कक्षों में सालभर ताले लगाए रखता है। अंतर डिविजन के जितने भी आॅफिशियल आते हैं, उन्हें तीन हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से महंगे और आलीशान होटलों में ठहराया जाता है, जबकि स्टेडियम में ही एसी कमरे उपलब्ध हैं। पिछले एक साल से यहां ताले लगे हैं। बीते दिनों मुंबई से विजय नायडू और हैदराबाद से मनोहर शर्मा आए थे, जिन्हें यहां ठहराया जा सकता था, लेकिन महंगे होटलों में ठहराया गया। हालांकि नियमों के खिलाफ जाकर एमपीसीए सचिव ने इंदौर में हुई एशियन खो-खो चैम्पियनशिप में खेलने आई टीमों के आॅफिशियल्स को यहां ठहराया था।
सूत्रों की मानें तो जिन दस कमरों को रिनोवेट कराया जा रहा है, उन्हें पहले भी दो बार रिनोवेट किया गया है। एसोसिएशन ने कारण बताया है कि सितंबर में इंदौर में भारत और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट मैच है, इसलिए रूम रिनोवेट कराए जा रहे हैं। यहां खिलाड़ी ठहरेंगे या अधिकारी? इस सवाल का जवाब नहीं है। सचिव मिलिंद कनमड़ीकर से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। टेंडर के बगैर काम कराए जाने के सवाल पर सीईओ ने जवाब देना उचित नहीं समझा।
और यह लापरवाही भी...
बीते दिनों दैनिक दबंग दुनिया ने जानकारी दी थी कि एमपीसीए की वेबसाइट पर अमय खुरासिया अभी भी होलकर स्टेडियम स्थिति एकेडमी के चीफ कोच हैं। वास्तव में उन्हें अक्टूबर 2015 में ही कोच के पद से हटा दिया गया था, क्योंकि सेंट्रल एक्साइज में एक नियम के तहत वे पकड़े गए थे। अमय की नई नियुक्ति बिना एजीएम के नहीं हो सकती और सुगबुुगाहट है कि उन्हें फिर उपकृत किया जाएगा। एमपीसीए के चुनाव अगस्त में हैं। बहरहाल, 1 जुलाई को भी अमय को वेबसाइट में एकेडमी का चीफ कोच दर्शाया गया है।
टेस्ट मैच है इसलिए...
हां, कमरों का रिनोवेशन कराया जा रहा है, क्योंकि टेस्ट मैच का आयोजन होना है। ऐसा नहीं है कि हम अधिकारियों को केवल होटलों में ही ठहराते हैं। कई बार स्टेडियम के कमरों में भी ठहराते हैं। जूनियर खिलाड़ियों को भी ठहरा देते हैं।
-रोहित डी. पंडित, सीईओ, एमपीसीए