27 Apr 2024, 02:07:01 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

विनोद शर्मा इंदौर। फिनिक्स टाउन के नाम पर प्लॉट होल्डरों से लेकर सरकारी विभागों की आंख में धूल झौंकते आई चंपू चौकड़ी ने कैलोद हाला के किसानों को भी नहीं बख्शा। बेफिक्र होकर खेती करते आ रहे कुछ किसान तो ऐसे हैं जिन्हें यह जानकारी ही नहीं है कि टीएनसी और डायवर्शन कराकर उनकी जमीन पर प्लॉट काटे जा चुके हैं। प्लॉट भी चार-छह-दस नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में है, जिन्हें चंपू चौकड़ी औने-पौने दाम पर बेच चुकी है।

30 अक्टूबर 2010 को कैलोद हाला की 41.575 हेक्टेयर जमीन पर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट से कॉलोनी के तीन अलग-अलग नक्शे मंजूर हुए थे। दूसरे नंबर का ले-आउट प्लान 21 खसरों की 17.625 हेक्टेयर जमीन पर मंजूर हुआ था। इसमें लक्ष्मीचंद पिता कन्हैयालाल, राजूबाई बेवा मूलचंद, भगवानसिंह पिता मूलचंद की 1.740 हेक्टेयर जमीन (सर्वे नं. 263/1 और 263/2) भी शामिल है, जहां खेती हो रही है। जिस जमीन पर खेती हो रही है वहां टीएनसी से स्वीकृत नक्शे में प्लॉट है यह जानकारी भी दबंग दुनिया की टीम ने किसान परिवार को दी। पहले तो परिवार के सदस्य हक्के-बक्के रह गए फिर उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि उनका और उनकी जमीन का कॉलोनी से कोई लेना-देना नहीं है।

कभी बेची ही नहीं जमीन
नक्शे में दो अलग-अलग खसरों का जिक्र है। खसरा नं.  263/1  की 1.384 हेक्टेयर और 163/2 की 0.356 हेक्टेयर जमीन। कुल 1.740 हेक्टेयर (4 एकड़, 13 हजार वर्गफीट) जमीन। किसान भगवान सिंह ने कहा कि उन्होंने या उनके परिवार ने कभी जमीन का सौदा चंपू-चिराग की चौकड़ी से नहीं किया है। एक बार सौदे की बात हुई थी, कुछ रकम बयाने के एवज में भी दी थी, लेकिन आगे न कोई रकम मिली, न सौदा हुआ। ऐसे में बिना मेरी या मेरे परिवार की लिखित सहमति के जमीन की टीएनसी कैसे हुई और नक्शे कैसे पास हो गए, इसकी जांच के लिए हम पुलिस की मदद लेंगे।

फिनिक्स में भिड़े राजस्व अधिकारी- क्राइम ब्रांच
‘मजाक बनाकर रख दिया मामले को’

क्राइम ब्रांच- सरकारी जमीन कहां है..? आरआई- देखते हैं, यहीं कहीं है..। क्राइम ब्रांच- जिस नाले पर कब्जा किया वह कहां है..? आरआई- यहीं है, छोटा था...। क्राइम ब्रांच- ऐसा लग रहा है आप लोग तैयारी करके नहीं आए हो। पूरे मामले को मजाक बना रखा है। गुरुवार को फिनिक्स टाउन पहुंची क्राइम ब्रांच और राजस्व अधिकारियों के बीच कॉलोनी को लेकर कुछ इसी अंदाज में तीखी बातचीत हुई। अंतत: क्राइम ब्रांच ने कह दिया कि दो दिन बाद यहीं मुलाकात होगी, तैयारी करके आना।

तय कार्यक्रम के तहत गुरुवार दोपहर एक तरफ क्राइम ब्रांच की टीम चिराग शाह और मनीषसिंह पंवार को लेकर फिनिक्स टाउन पहुंची तो दूसरी तरफ आरआई और पटवारी दस्तावेज लेकर पहुंचे। आरोपियों और पीड़ितों के सामने क्राइम ब्रांच की टीम ने दस्तावेजों के आधार पर आरआई योगेंद्र राठौर और पटवारी अनिता कुंभकर से जानकारी चाही। दस्तावेज हाथ में होने के बाद भी दोनों अधिकारी सही तरीके से जवाब नहीं दे पाए। इस पर क्राइम ब्रांच के अधिकारी बिफर पड़े। उन्होंने कहा कि इन भूमाफियाओं को जो करना था ये कर गए, लोगों को हमसे उम्मीद है कम से कम हम तो सही से काम कर लें। आप लोगों का रवैया देखकर तो लगता ही नहीं कि आप केस में मदद कर रहे हैं। इस पर दोनों अधिकारियों ने कहा कि ऐसा नहीं है, लेकिन दस्तावेज और मौका स्थिति समझना पड़ेगी। जवाब में क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने कहा कि ठीक है जो तैयारी करना है कर लो, दो दिन बाद फिर यहीं मुलाकात होगी। तब ऐसे मत करना।

आधे घंटे की जांच, नतीजा सिफर- दोनों टीम आधे घंटे तक कॉलोनी में रही। इस दौरान जांच के नाम पर सिर्फ आधी-अधूरी जानकारियां ही परोसी गई जिसे लेकर बार-बार बहस हुई। रहवासियों ने भी राजस्व अधिकारियों पर आरोप लगाया कि इन सबकी मिलीभगत से ही भू-माफियाओं ने मनमानी की है।

बाकी जमीनों की स्थिति भी यही
सर्वे नं. 260, 261 और 262 की जमीन की स्थिति भी यही है। हालांकि कुछ हिस्से में कॉलोनाइजर ने सड़कें जरूर बना रखी है, लेकिन सड़क के दोनों तरफ होती खेती ही है।

किसान का नुकसान
जिस जमीन पर वह खेती करके कृषि लगान चुका रहा है वह डायवर्शन के बाद आवासीय उपयोग की हो चुकी है। दोबारा डाइवर्शन कराना भी मुश्किल है और टीएनसी कराना भी।
जो प्लॉट काटे गए हैं यदि उनके सौदे हो चुके हैं तो प्लॉट होल्डर भी परेशान हो रहे होंगे। यह बात अलग है कि खेत होने के कारण वे समझ नहीं पाते कि प्लॉट कहां और किस तरफ है। अन्यथा वे भी कब्जा लेने की कोशिश करेंगे। इससे जमीन मालिक और प्लॉट होल्डरों के बीच विवाद भी तय है।

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