26 Apr 2024, 17:44:23 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

कृष्णपाल सिंह इंदौर। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सपने को हकीकत में उतारने का काम शहर के दिल यानी राजबाड़ा से शुरू होगा। एरिया बेस्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत राजबाड़ा और आसपास का 742 एकड़ मध्यक्षेत्र का इलाका चुना गया है। जहां पानी, बिजली, सीवरेज, पार्किंग, इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम जैसे अहम बिंदुओं पर स्मार्ट बनाने के लिए पूरे इलाके का नया मास्टर प्लान बनाया जाएगा, जिसके लिए अलग से कंसल्टेंट का चयन किया जाएगा।

कंसल्टेंट के चयन में किसी तरह की दिक्कत न आए और तकनीकी रूप से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट कमजोर न पड़े। इसके लिए स्मार्ट सिटी कंपनी ने स्पेन की एक कंपनी को चुना है, जो आने वाले तीन सालों तक एसपीवी के साथ साझेदार बनकर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को जमीन पर आकार देने का काम करेगी। स्पेनिश कंपनी चार अलग-अलग कोर सेक्टर्स में 29 विशेषज्ञों की टीम देगी, जो कंसल्टेंट के चयन के लिए टेंडर डॉक्यूमेंट बनाने से लेकर, पूरे प्रोजेक्ट के काम की निगरानी रखेंगे, ताकि कोई अड़चन न आए। हालांकि जो मुख्य मास्टर प्लान है उसको ध्यान में रखकर इसे तैयार किया जाएगा।

बाजारों के छोटे-छोटे मास्टर प्लान तैयार होंगे
एरिया बेस्ड डेवलपमेंट के तहत डिटेल मास्टर प्लान बनेगा। इलाके की सभी कमर्शियल और रहवासी क्षेत्रों की डिटेल रिपोर्ट बनेगी। मध्य क्षेत्र के तहत आने वाले सीतलामाता, मरोठिया, कपड़ा बाजार, बर्तन बाजार जैसे अहम मार्केट शामिल होंगे। यहां की एक-एक गली की डिटेल प्लानिंग होगी। मौजूदा जनसंख्या, सड़कों की मौजूदा चौड़ाई, बिजली, पानी की उपलब्ध व्यवस्था, पार्किंग के लिए कितनी जगह मौजूद है। इसके आधार पर मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर कंसल्टेंट के जरिए एरिया का पूरा मास्टर प्लान तैयार नहीं करवा कर बाजारों के छोटे-छोटे मास्टर प्लान बनवाए जाएंगे, ताकि स्मार्ट सिटी का काम तेजी से शुरू किया जा सके।

प्लानिंग नॉर्म्स में भी करेंगे बदलाव
स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ रोहन सक्सेना ने बताया स्मार्ट सिटी के लिए प्लानिंग नॉर्म्स में भी जरूरी बदलाव किए जाएंगे। खासतौर पर सड़कों की चौड़ाई और इस इलाके में बिल्डिंग निर्माण के मौजूदा नियम। मध्यक्षेत्र में फिलहाल 15 मीटर से ऊंची बिल्डिंग की परमिशन नहीं है, यहां मौजूद जगह को देखते हुए वर्टिकल डेवलपमेंट ही किया जा सकता है। ऐसे में इस लिमिट को बढ़ाने के लिए राज्य शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। सरकार की हरी झंडी और कंसल्टेंट के चयन के बाद एरिया के मास्टर प्लान के मुताबिक स्मार्ट सिटी का काम शुरू हो जाएगा।

गली-गली का करेंगे सर्वे
एरिया बेस्ड डेवलपमेंट के तहत गली-गली का सर्वे किया जाएगा। प्रदेश सरकार को एसपीवी ने प्रस्ताव बनाकर भेजा है। स्मार्ट सिटी के लिए 2.53 मिनट का प्रजेंटेशन भी तैयार किया गया है।
मनीषसिंह, कमिश्नर,
नगर निगम

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