कृष्णपाल सिंह इंदौर। दुर्घटनाओं के लिहाज से शहर के सर्वाधिक खतरनाक रेडिसन सहित अन्य चौराहों पर सर्विस रोड बंद कर इन्हें चौराहे से थोड़ा पहले मेन रोड से जोड़ा जाएगा। इधर, गत दिवस इस चौराहे को संवारने पहुंचे नगर निगम के अपर आयुक्त व राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रोहन सक्सेना को विवाद के दौरान मारे गए चांटे की गूंज भोपाल तक पहुंची है। इस चौराहे को व्यवस्थित बनाने के लिए एमआईसी ने आठ माह पहले ही एप्रूवल दे दिया था। इसके बाद निगम ने टेंडर जारी किए और अब काम शुरू किया जा रहा था। ऐसे में विरोध की नौटंकी कर पार्षद सरोज चौहान के समर्थक द्वारा अपर आयुक्त को चांटा मारना सोची-समझी साजिश कही जा सकती है। एमआईसी सदस्य चंदू शिंदे, राजेंद्र राठौर व सूरज कैरो की मौजूदगी में विकास का खाका खींचा गया था और अब ये ही लोग विरोध में खड़े हो गए।
आंकड़ों के अनुसार जनवरी से जून 2016 के बीच 152 लोग यहां दुर्घटनाओं का शिकार हुए। इनमें से 38 को जान से हाथ धोना पड़ा, जबकि 112 गंभीर घायल हुए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक सर्विस रोड के वाहनों को मेन रोड पर आने के लिए चौराहे से 100 मीटर पहले मेन रोड के बीच प्रवेश और निकास की व्यवस्था रखी जाएगी।
राइट्स कंपनी ने तब की थी प्लानिंग
कुछ साल पहले राइट्स कंपनी ने सर्वे कर प्लानिंग तैयार की थी। इसमें चौराहों पर सीधे आ रहे सर्विस रोड बंद करने का सुझाव दिया था। इसके आधार पर मेगा कंसल्टेंसी सर्विसेस ने चौराहे की डिटेल डिजाइन तैयार की, जिसके अनुसार चौराहे पर सर्विस रोड को बंद किया जाना है। रेडिसन चौराहे पर आठ सर्विस रोड जुड़े होने के कारण इन पर से वाहन सीधे चौराहे पर आ जाते हैं। इससे ट्रैफिक उलझने के साथ ही दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं।
आसपास नई बसाहट से बढ़ा ट्रैफिक
रिंग रोड, रेडिसन और बांबे अस्पताल के आसपास कुछ वर्षों में दर्जनों नई कॉलोनियां बस गर्इं, जिसके चलते ट्रैफिक का दबाव काफी बढ़ गया है। यहां स्कूल-कॉलेजों के साथ कई बड़ी कंपनियों के दफ्तर भी खुल गए हैं, जिससे सुबह से शाम तक वाहनों की रेलमपेल मची रहती है। इसके अलावा देवास नाका स्थित इंडस्ट्रियों और गोदाम से आने वाले एक हजार से अधिक ट्रक भी इस रूट को खतरनाक बनाते हैं।
एमआईसी बैठक में पास हुआ था प्रस्ताव
रेडिसन चौराहे के सर्विस रोड बंद करने का प्रस्ताव एमआईसी बैठक में कुछ माह पहले पास हुआ था। इसमें एमआईसी सदस्य भी मौजूद थे। चौराहे को लेकर कोई आपत्ति थी तो मुझसे एक बार मिल लेते। इस तरह विरोध कर अधिकारी से अभद्रता करने का क्या औचित्य है? मामला संगठन स्तर पर रखा है।
-मालिनी गौड़, महापौर
रेडिसन से रिंग रोड तक है ये दिक्कतें
ग्रीन लाइट होने पर वाहन चौराहे पर पहुंचते हैं, तब तक रेड लाइट हो जाती है। इससे वाहन आमने-सामने हो जाते हैं।
पैदल चलने वाले जान जोखिम में डालकर रोड पार करते हैं। चारों ओर एक साथ रेड सिग्नल कर पैदल रोड क्रॉस करने वालों को निकलने का समय दिया जाए।
चौराहे पर आने वाले सभी भारी वाहनों को शहर से बाहर करने के साथ ही सर्विस रोड ब्लॉक किए जाएं।
रेडिसन से बायपास की ओर जाने वाले रोड पर बसों के रुकने के लिए या तो ले बाय बने या चौराहे से 50 मीटर दूर बस स्टॉप बनाए जाएं।
चौराहे पर फ्लाईओवर बनाकर भी ट्रैफिक समस्या हल की जा सकती है।
चौराहे से ट्रैफिक गुजरते समय आने वाली कुछ बड़ी परेशानियां
बायपास की ओर से आकर रेडिसन होते हुए बांबे अस्पताल चौराहा से देवास नाका जाने वाले वाहनों के सबसे ज्यादा दिक्कत आती है। ढलान के कारण खासकर भारी वाहनों को लंबा टर्न लेना होता है, जिससे वे पलटते हैं या किसी अन्य वाहन से टकरा जाते हैं।
विजय नगर की ओर से आकर मालवीय नगर की तरफ जाने वाले वाहनों को भी इस ढलान वाले रास्ते से गुजरना होता है। ये ही बायपास से आने वाले वाहनों की टक्कर का शिकार होते हैं।
मालवीय नगर से सीधे जाने वाले वाहनों को कोई दिक्कत नहीं होती। लेकिन बायपास की तरफ मुड़ना हो तो इस ढलान का सामना करना पड़ता है।
देवास नाका से आने वाले वाहनों को थोड़ी कम परेशानी होती है, क्योंकि वे इस ढलान क्षेत्र तक नहीं पहुंचते।
ये कदम उठाना होंगे
चौराहे के बीचोबीच करीब 50 मीटर का क्षेत्र दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण है। चारों तरफ से आने वाले वाहन यहां से गुजरते समय इस ढलान का सामना करते हैं। यहां वाहनों की गति पर नियत्रंण के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। सबसे पहले चौराहे को समतल किया जाए, ताकि चारों तरफ से आने वाले वाहनों को आसानी से मोड़ा जा सके। चौराहे के चारों ओर जहां से सर्विस रोड शुरू होता है, उसे 15 मीटर तक पीछे किया जाए। इसके लिए ग्रीन बेल्ट का कुछ हिस्सा भी हटाना पड़ेगा। चौराहे पर बारिश का पानी न भरे, इसके लिए सिग्नल के पास स्टॉप लाइन पर हलका ढलान हो।
-अतुल सेठ, वरिष्ठ इंजीनियर
रात में ज्यादा दुर्घटनाएं
रेडिसन चौराहा पर 1 जनवरी से 17 जून तक हुई विभिन्न दुर्घटनाओं में 38 लोगों की जान गई, जबकि 114 गंभीर दुर्घटनाएं हुर्इं। सामान्य घटनाएं तो आम हैं। हालांकि अपेक्षाकृत रात में यहां ज्यादा हादसे होते हैं। वाहन चौराहे पर स्लो पहुंचें, इसकी व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए बीच-बीच में स्टॉपर लगाए जाएं, ताकि वाहनों की गति धीमी रहे। यह शहर का सबसे खूबसूरत चौराहा है, जिस पर सभी रास्ते दिखाई देते हैं।
-प्रफुल्ल जोशी, ट्रैफिक एक्सपर्ट
ये चौराहे होंगे विकसित
विजय नगर- करीब 1.75 करोड़ की लागत से विकास कर रोटरी हटाई जाएगी।
रेडिसन- करीब 1.75 करोड़ की लागत के विकास कार्य। सर्विस रोड बंद कर चौराहे पर आयरलैंड बनाए जाएंगे। लेफ्ट टर्न की बाधा भी दूर होगी।
एमआर-9 - 1.75 करोड़ की लागत से विकसित होगा। इसमें सर्विस रोड बंद कर चौराहा व्यवस्थित करेंगे। आयरलैंड बनाए जाएंगे।
खजराना- चार करोड़ की लागत से यहां रोटरी हटेगी और सर्विस रोड बंद होंगे। बारिश का पानी भराने की समस्या आरसीसी चैनल बनाकर दूर की जाएगी।
फूटी कोठी- 1.50 करोड़ की लागत से विकास होगा। रोटरी छोटी करने के साथ ही सर्विस रोड बंद होगा।
बड़ा गणपति- एक करोड़ की लागत से विकास। रोटरी छोटी होगी और लेफ्ट टर्न चौड़े होंगे।