27 Apr 2024, 09:16:53 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

आदित्य शुक्ला इंदौर। निजी स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चों को आरटीई के तहत एडमिशन दिलाने की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है। करीब 21 हजार सीटें रिक्त पड़ी हैं, जबकि निजी स्कूलों में पढ़ाई भी शुरू हो गई है।

शिक्षा गारंटी अधिनियम 2010 लागू होने के बाद प्रत्येक निजी स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा के लिए 25 प्रतिशत सीटों पर अनुसूचित जाति, जनजाति व गरीब परिवार के बच्चों को एडमिशन दिलाया जाता है। बीते वर्षों में आरटीई की प्रवेश प्रक्रिया जनवरी माह से ही शुरू हो जाती थी, जिससे 15 जून तक तीन चरणों की प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण हो जाती थी और स्कूल खुलने के बाद भी पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर एडमिशन होते रहते थे, लेकिन इस वर्ष आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। बीआरसी, जिला शिक्षा केंद्र पर चक्कर लगाने के बाद भी कोई बताने को तैयार नहीं कि एडमिशन कब शुरू होंगे। शासन द्वारा जिन निजी स्कूलों को अल्पसंख्यक का दर्ज दिया गया है, उन स्कूलों में शिक्षा गारंटी अधिनियम लागू नहीं होता है।

आॅनलाइन प्रक्रिया
जिला परियोजना समन्वयक अक्षय सिंह राठौर ने बताया शासन ने इस वर्ष आरटीई की प्रवेश प्रक्रिया आॅनलाइन करने का निर्णय लिया है। जिसके लिए सभी स्कूलों को वार्ड के हिसाब से आॅनलाइन किया जा रहा है और उन स्कूलों में खाली सीटों की जानकारी भी आॅनलाइन की जा रही है। इस प्रक्रिया में देरी होने से प्रवेश प्रक्रिया भी लेट हो रही है, जबकि बीते वर्षों में सीधे आवेदन जमा करने की प्रक्रिया थी।

निजी स्कूलों को निर्देश
जिला शिक्षा अधिकारी एमएम तिवारी ने बताया आरटीई की प्रवेश प्रक्रिया में हो रही देरी के चलते जिलाधीश ने सभी निजी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने यहां आरटीई के तहत प्रारंभिक शिक्षा के लिए कक्षाओं में 25  प्रतिशत सीटें खाली रखें। प्रत्येक स्कूल को आरटीई के तहत एडमिशन देना होंगे, जो शिक्षण संस्थान शिक्षा गारंटी अधिनियम के पालन में कोताही बरतेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस निर्देश के बाद अधिकतर स्कूलों में सीटें खाली रखी गई हैं।

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