गौरीशंकर दुबे इंदौर। क्या पहलवानी के दांव पेंच पानी में सीखे जा सकते हैं?, इस हास्यास्पद प्रश्न का जवाब ही नहीं बनता, लेकिन इंदौर के गोताखोर राष्ट्रीय प्रतियोगिता की तैयारी पानी के बजाय मिट्टी में करके एक असंभव प्रश्न का जवाब देने के लिए मजबूर हैं। नगर निगम की हठवादिता, असहयोग केचलते पानीदार स्वीमिंग पूल ही नहीं, वहां के जिम में भी ताला लगा दिया गया है। राष्ट्रीय गोताखोरी क्षेत्र में जिस मप्र और इंदौर की धाक बरसों से जमी है, इस बार उसकी प्रतिष्ठा धूमिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। दुर्भाग्य की बात यह है कि जिस गोताखोरी कोच रमेश व्यास (विश्वामित्र अवॉर्डी) को खुद सीएम ने गोताखोरी एकेडमी का चीफ कोच बनने का निमंत्रण भेजा है, उनकी सुनने वाले जानबूझकर कान बंद किए हुए हैं। मामला जनसुनवाई में जाने वाला है।
सभी गोताखोर मेडलिस्ट हैं...
मप्र में नेहरू पार्क स्वीमिंग पूल ही ऐसा इकलौता स्थान है, जहां गोताखोरी करने के लिए बोर्ड उपलब्ध है। गत 40 बरसों से यहां गोताखोर अभ्यास करते आ रहे हैं। कोई डेढ़ सौ प्रतिभाएं यहां से निकली हैं। ज्यादातर विक्रम अवॉर्डी और एकलव्य अवॉर्डी रहे हैं। 1968 से मानद रूप से कोचिंग दे रहे रमेश व्यास ने नियम बना रखा है कि एक बैच में 10 बच्चे ही सिलेक्ट करते हैं और इतिहास गवाह है कि सभी कम से कम नेशनल मेडलिस्ट होते हैं। पिछली बार के नेशनल मेडलिस्ट भाविका पिंगले 2 गोल्ड, 1 सिल्वर, तितिक्षा मराठे 2 गोल्ड, उत्कर्ष जोशी 2 सिल्वर, प्रखर जोशी 2 सिल्वर तथा काजल कानगुडे 1 ब्रांस इस बार भी मप्र टीम में हैं। अब्बास अली भौरांसलावाला, मोनाली, लक्षिता तोमर और स्प्रित कौर को इस बात टीम में शामिल किया गया है। यह सभी खिलाड़ी 2 जून से स्वीमिंग पूल में अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं। कोच व्यास के मुताबिक पूल के इंचार्ज नरेंद्र कटारे ने यह कहकर मेन गेट पर ताला लगवा दिया कि पूल में पानी नहीं है। वे उस जिम में भी नहीं जाने दे रहे, जिसमें बालिकाओं के लिए वेट ट्रेनिंग तो जरूरी ही है। मजबूरीवश वे भी लड़कों के साथ नेहरू पार्क के रेलवे स्टेशन के पास अभ्यास करने के लिए विवश हैं।
इस बार मेडल जीतना कठिन...
व्यास के अनुसार, गोताखोरी की अभ्यास हवा में किया जाता है। बोर्ड पर चढ़कर खिलाड़ी पानी में कूदता है और हवा में करतब दिखाता है। मिट्टी में वह अभ्यास कैसे करेगा?, हम मेडल जीतने के लिए कोई कोशिश नहीं छोड़ना चाहते, इसलिए उद्यान प्रभारी शांतिलाल यादव से गुजारिश की कि महू नाका स्थित लक्ष्मणसिंह चौहान तरण पुष्कर में कम से कम तैराकी करने तक सुविधा तो दो, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी।
क्या नेहरू पार्क महाराष्ट्र में है...
व्यास ने नगर निगम से दैनिक दबंग दुनिया के मार्फत प्रश्न किया है कि क्या नेहरू पार्क स्वीमिंग पूल महाराष्ट्र में है, जहां सूखा पड़ा है?, यदि ऐसा नहीं है, तो लक्ष्मणसिंह चौहान तरण पुष्कर बड़ा होने के बाद क्यों भरा होकर चालू है? व्यास ने निवेदन किया था कि नेहरू पार्क स्वीमिंग पूल के गेट पर बोरिंग है, जिसे रोजाना दो घंटे भी चालू रखा जाए, तो पूल का वॉटर लेवल मेंटन रहेगा, लेकिन पूल इंजार्ज ने उनकी नहीं सुनी। व्यास के अनुसार -पूल के इंचार्ज ऊपर के अधिकारियों को वही बात पहुंचाते हैं, जो उन्हें समझ आती है। व्यास ने कहा कि आगामी मंगलवार को वे और खिलाड़ी नगर निगम की जनसुनवाई में जाएंगे। इंदौर जिला तैराकी संघ की अध्यक्ष महापौर एवं विधायक मालिनी गौड़ इन दिनों भोपाल में हैं, अन्यथा संकट का सामना ही नहीं करना पड़ता।
हमें सताते हैं पूल इंचार्ज...
हमारे गोताखोरों के पास पूल में अभ्यास करने की परमिशन है, फिर भी पूल इंचार्ज नरेंद्र कटारे अक्सर परमिशन लाने की बात करते हैं। कुछ लोग नहीं चाहते कि हम खेल चलायमान रखे। उसमें वे लोग भी जुड़े हैं, जिन्हें हमने कभी तैयार किया था।
रमेश व्यास, गोताखोरी कोच
शहर जलसंकट से जूझ रहा है फिर भी खिलाड़ियों की तैयारियों को देखते हुए मैं व्यवस्था बनवाने की कोशिश करता हूं।
शांतिलाल यादव, उद्यान प्रभारी
नेहरू पार्क स्वीमिंग पुल में पानी की कमी के कारण बंद करने के आदेश मिले थे, जिसका पालन किया गया है। शहर में जल सकंट की स्थिति पैदा हो गई है। अगर किसी को समस्या है तो वरिष्ठ अफसरों को अवगत करा दिया जाएगा।
शांतिलाल यादव, उद्यान अधिकारी, नगर निगम