04 May 2024, 14:08:31 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

रफी मोहम्मद शेख इंदौर। मध्यप्रदेश में चल रही विभिन्न सरकारी योजनाओं और विभागों में कार्यरत 24 लाख कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को प्रॉविडेंट फंड के दायरे में लाने का काम शुरू किया गया है। यह वर्कर्स सरकार के पास वर्तमान में रजिस्टर्ड हैं। प्रोविडेंट फंड डिपार्टमेंट अगले तीन महीनों में लक्ष्य बनाकर इस दिशा में काम करेगा, जिसके लिए वर्तमान में रजिस्टर्ड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स की संख्या को दो गुना करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में प्रॉविडेंट  फंड आॅफिसों से प्रदेश में मात्र सवा दो लाख वर्कर्स को ही पीएफ का लाभ मिल रहा है।

प्रॉविडेंट  फंड डिपार्टमेंट ने एक मई से लेकर जुलाई तक के तीन महीनों को कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को प्रॉविडेंट फंड का लाभ देना निश्चित किया है। सेंट्रल आॅफिस से मिले निर्देशों के बाद मध्यप्रदेश प्रॉविडेंट  फंड ने इसके लिए काम भी शुरू कर दिया है। अगले महीने से इन मजदूरों को दिए जाने वाले लाभों के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।   

विभाग व काम के अनुसार छांटेंगे
कमिश्नर मेहरा के अनुसार प्रदेश में रजिस्टर्ड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स की संख्या करीब 24 लाख है। सरकारी कामों की टेंडरिंग के बाद ठेकेदारों द्वारा अपने यहां पर कार्यरत मजदूरों का रजिस्ट्रेशन करवाया जाता है। यह मजदूर उसी आधार पर रजिस्टर्ड हैं। शासन द्वारा प्रॉविडेंट  फंड डिपार्टमेंट को इनकी लिस्ट भी उपलब्ध करवा दी गई है। अब डिपार्टमेंट इसका विश्लेषण कर रहा है। ये मजदूर नाम से रजिस्टर्ड हैं, उन्हें काम व विभागों के आधार पर छांटना बड़ी समस्या है। जब तक ऐसा नहीं होगा, इन मजदूरों तक नहीं पहुंचा जा सकेगा। इसके लिए सीधे प्रयास शुरू कर दिए हैं और सरकार ने डिपार्टमेंट को ऐसी छंटनी करने को कहा है।

हाई पॉवर कमेटी ने जारी किए निर्देश

पीएफ कमिश्नर अजय मेहरा के नेतृत्व में प्रॉविडेंट  फंड के अधिकारियों ने पिछले हफ्ते भोपाल में हाई पॉवर कमेटी की बैठक आयोजित की। इसमें श्रम विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग से लेकर लोकनिर्माण विभाग तक के आला अधिकारियों के साथ मिलकर कैसे इन मजदूरों को अधिकतम लाभ दिया जाए, यह तय किया है। अर्बन डेवलपमेंट एंड एनवायर्नमेंट डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने इसके बाद मजदूरों से जुड़े विभागों के लिए निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इसके अतिरिक्त प्राइवेट कार्य करने वाले ठेकेदारों को भी इसी श्रेणी में रखा गया है। तीन महीने के बाद सालभर इस पर कार्य किया जाएगा।

दबंग सरोकार
लेबर लॉ के तहत श्रमिकों अथवा मजदूरों की स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से अनेक कल्याणकारी प्रावधान निर्मित किए गए हैं। प्रॉविडेंट फंड अधिनियम 1952 नियोजन को श्रमिकों के भावी जीवन के लिए आर्थिक व्यवस्था अनिवार्य कर दी गई है।

कई विभागों पर होगा फोकस
पीएफ डिपार्टमेंट मुख्य रूप से लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य, स्वास्थ्य, ग्रामीण यांत्रिकी, विद्युत, नगरीय प्रशासन विभाग सहित ऐसे खई विभागों पर फोकस करेगा, जहां पर काम ठेके पर दिए जाते हैं और बड़ी संख्या में मजदूर लगते हैं। इनमें मनरेगा, मध्याह्न भोजन, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, नगर निगम, बीड़ी मजदूर, सिंहस्थ जैसे आयोजन शामिल हैं। वर्तमान में विभाग के पास कंस्ट्रक्शन वर्कर्स की श्रेणी में मात्र सवा दो लाख मजदूर ही रजिस्टर्ड हैं।
 

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »