मुंबई। कन्नड़ सुपरस्टार राजकुमार के अपहरण के 18 साल बाद तमिलनाडु स्थित गोबीचेट्टीपालयम की एक जिला अदालत ने मामले में सभी जीवित 9 आरोपियों को बरी कर दिया है। चंदन तस्कर वीरप्पन समेत 13 अन्य लोग राजकुमार के अपहरण के मामले में दोषी थे। फिलहाल दोषियों में 13 में से 9 ही जिंदा हैं। बता दें सबूतों के अभाव कारण आरोपियों को बरी कर दिया गया है।
कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन ने साल 2000 में कन्नड़ सुपरस्टार राजकुमार को उनके फार्महाउस से अगवा कर लिया था। इस घटना के बाद राज्य में तनाव की स्थिति भी पैदा हो गई थी बेंगलुरू में लोग सड़कों पर निकल आए थे। बता दें वीरप्पन की मौत साल 2004 में तमिलनाडु टास्क फोर्स से हुई एक मुठभेड़ के दौरान हो गई थी। वीरप्पन की अपने गांव गोपीनाथम में रॉबिन हुड की तरह छवि थी। बता दें कि एक समय ऐसा था कि वीरप्पन के नाम से पुलिस से लेकर आम आदमी तक खौफ खाता था। कुछ सालों में ही वीरप्पन जंगल का बादशाह बन गया।
उसने चंदन तथा हाथीदांत से बहुत पैसा कमाया। कहा जाता है एक्टर राजकुमार को रिहा करने के बदले सरकार ने वीरप्पन को काफी बड़ी रकम अदा की थी। सिंगनल्लुरू पुट्टुस्वामाय्या मुथुराजू उर्फ राजकुमार ने आठ साल की उम्र में ही कन्नड़ फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन बतौर मुख्य अभिनेता वर्ष 1954 में उन्होंने फिल्म 'बेदरा कन्नप्पा' से अपने करियर का आगाज किया। 200 से अधिक फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता की आखिरी फिल्म वर्ष 2000 में आई 'शब्दवेधी'थी। राजकुमार ने साल 2006 में दुनिया को अलविदा कह दिया था।