नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने रविवार को कहा कि राज्य में 2,58,928 करोड़ रूपयों का कर्ज है और ओवरड्राफ्ट के उपयोग से लगातार आर्थिक संकट से जूझ रहा है। रेड्डी ने यहां आंध्र प्रदेश भवन में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जून 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय कर्ज का आंकड़ा 97, 000 करोड़ रूपये था , जो अब बढ़कर 2,58,928 करोड़ रूपए हो गया है तथा राज्य को 20,000 करोड़ रूपए रिण के ब्याज के रूप में भुगतान करना पड़ रहा है। उन्होंने जोर दिया कि कर्ज की यह राशि राजकोष पर बहुत बड़ा बोझ है। रेड्डी ने कहा कि उन्होंने राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की है और उनसे सहायता की अपील की है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने इस संबंध में सकारात्मक रूख जताया है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं प्रधानमंत्री से आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की अपील करुंगा। मुझे यकीन है कि भविष में एक दिन विशेष राज्य राज्य का दर्जा मिल जायेगा।’’ उन्होंने कहा कि 30 मई को वह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और अन्य कैबिनेट मंत्रियों को बाद में शपथ दिलायी जायेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ में एक वर्ष के भीतर प्रशासन में क्रांतिकारी बदलाव लाऊंगा और सुनिश्चित करूंगा कि कोई भ्रष्टाचार न हो।’’ पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र को भागवत गीता, बाइबिल और कुरान जैसे पवित्र ग्रंथों की तरह निरुपति करते हुए उन्होंने आश्वस्त किया कि घोषणापत्र का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जायेगा और उनकी सरकार जनता के विश्वास पर खरा उतरने का प्रयास करेगी।