नई दिल्ली। नीरव मोदी के गिरफ्तार होने के बाद एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। यह घोटाला 8100 करोड़ रुपए का है। बैंको से लोन लेकर फरार आरोपी हितेश पटेल अल्बानिया में गिरफ्तार हो गया है। हितेश पटेल को इंटरपोल के नोटिस के बाद गिरफ्तार किया गया है। ईडी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ईडी ने दीप्ति चेतन चंदेसरा और हितेश कुमार पटेल के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया था। ईडी के मुताबिक हितेश पटेल का जल्द भारत प्रत्यर्पण होगा। उस पर पांच हजार करोड़ रुपए की मनी लॉन्डरिंग का आरोप है। आरोपी के खिलाफ 11 मार्च को रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था।
इंटरपोल के नोटिस पर गिरफ्तारी
हितेश पटेल को 20 मार्च को नेशनल क्राइम ब्यूरो तिराना ने अल्बानिया में गिरफ्तार किया। इंटरपोल ने नितिन और चेतन संदेशरा के साले के खिलाफ नोटिस जारी किया था। पटेल पर डमी कंपनियों के जरिए पैसा ठिकाने लगाने का आरोप है। वो और संदेशरा 2017 में भाग गए थे। सीबीआई ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया था।
4700 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त
ईडी ने इस मामले में अब तक 4700 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी जब्त कर ली है। इसमें स्टर्लिंग बायोटेक, पीएमटी मशीन, स्टर्लिंग पोर्ट, स्टर्लिंग एसईजेड जैसी कंपनियों की प्रॉपर्टी है। ईडी को हाल ही में दिल्ली की कोर्ट ने प्रत्यर्पण की अर्जी भेजने की मंजूरी दी थी। स्टर्लिंग बायोटेक गुजरात की फार्मा कंपनी है। स्टर्लिंग बायोटेक ने आंध्र बैंक से पांच हजार करोड़ के लोन लिया था जो बाद में एनपीए बन गया। सीबीआई ने इसकी एफआईआर दर्ज की। जिसमें 5383 करोड़ रुपए का कर्ज दिखाया गया।