नई दिल्ली। पिछले साल महिला वर्ल्ड कप में फाइनल तक के सफर और उसके बाद साउथ अफ्रीका को उसी के घर में मात देकर भारतीय महिला टीम ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं। लेकिन आॅस्ट्रेलिया के हाथों अपने ही घर में वनडे चैंपियनशिप मैचों में टीम इंडिया की करारी हार ने बीसीसीआई के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं। बीसीसीआई अब भारतीय महिला क्रिकेट टीम की बेंच स्ट्रेंथ बढ़ाने की प्रक्रिया तेज करने पर विचार कर रही है।
चयनकतार्ओं को तेज गेंदबाजों, स्पिनरों और विकेटकीपरों का पूल तैयार करने के लिए कहा गया है, जिनको इस महीने के आखिर में राष्ट्रीय क्रिकेट एकेडमी में शुरू हो रहे शिविर में परखा जाएगा ।मिताली राज और झूलन गोस्वामी अपने करियर के आखिरी पड़ाव पर हैं और बोर्ड को उनके विकल्प तलाशने होंगे।
तेज गेंदबाज झूलन आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ नहीं खेल सकी थीं जिसमें भारत को 0 - 3 से पराजय झेलनी पड़ी। सीओए सदस्य डायना एडुलजी, मिताली ( वनडे कप्तान), हरमनप्रीत कौर (टी-20 कप्तान), हेमलता काला ( चयन समिति प्रमुख) और प्रोफेसर रत्नाकर शेट्टी ( समन्वयक ) की महिला समिति की बैठक 28 मार्च को होगी, जिसमें आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम के शर्मनाक प्रदर्शन पर बात की जाएगी।एडुल्जी ने कहा, ह्यहमें अच्छे तेज गेंदबाजों और स्पिनरों की जरूरत है। आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज से यह स्पष्ट हो गया। उन्होंने हमारे स्पिनरों को आसानी से खेला, जबकि हमारी टीम उनके खिलाफ संघर्ष करती दिखी। हमें बल्लेबाजी में भी और आक्रामकता की जरूरत है।