26 Apr 2024, 18:10:20 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

अगरतला। यहां के महाराजा बीर विक्रम कॉलेज स्टेडियम में मिहिर हिरवानी ने अपनी कलाई के दम पर मप्र सीनियर क्रिकेट टीम और खुद के नाम एक दिन लिख दिया। राइट आर्म लेग ब्रेक स्पिनर मिहिर ने न केवल त्रिपुरा के 5 बल्लेबाजों को अपनी गेंदबाजी का शिकार बनाया, बल्कि 1 खिलाड़ी को रन आउट करने में भी महती भूमिका निभाई, जिसके सहारे मप्र ने रणजी ट्रॉफी सीजन 2017-18 में त्रिपुरा के खिलाफ 10 विकेट से जीत दर्ज करते हुए 1 बोनस अंक सहित कुल 7 अंक लिए। अब 3 मैच में उसके 7 अंक हो गए हैं। वैसे लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स स्पिनर अंकित शर्मा ने भी दूसरी पारी में 4 और मैच में 7 विकेट लिए।
 
त्रिपुरा की टीम पहली पारी में 205 रन बनाकर आउट हुई थी और दूसरी पारी में उसने केवल 103 रन बनाए, जबकि मप्र ने पहली पारी के आधार पर 55 रन की महत्वपूर्ण बढ़त लेने के साथ -साथ दूसरी पारी में जीत का लक्ष्य 49 को बिना कोई विकेट खोए पा लिया। वामहस्त बल्लेबाज हरप्रीतसिंह भाटिया ने एक कठिन पिच पर 123 गेंद में 9 चौके के साथ (70) रन की पारी खेली थी। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
 
मिहिर के शिकार
मिहिर ने त्रिपुरा के ओपनर बिशाल घोष (3) को रन आउट तो किया ही, साथ ही विकेटकीपर बल्लेबाज और इंडिया अंडर -19 खिलाड़ी स्मित पटेल (12) को चमका देकर स्लिप में कप्तान देवेंद्रसिंह बुंदेला के हाथों कैच कराया। उनके बाकी शिकार अभिजीत डे (6), गुरिंदर सिंह (0), अभिजीत सरकार (0) तथा  जॉयदीप भट्टाचार्य (0) थे। लंच के बाद ज्यादा घातक साबित हो चले, मिहिर के इसी प्रदर्शन के सहारे त्रिपुरा ने आखिरी 6 विकेट 25 रन पर गंवा दिए। अंकित ने कप्तान मूरासिंह (6) को आउट करने के साध चार खिलाड़ियों को आउट किया। 
 
55 रन की बढ़त
इससे पहले मप्र ने अपनी दूसरे दिन की रनसंख्या 7 विकेट पर 200 रन से आगे खेलना शुरू किया और पारी 260 रन पर समाप्त की। मैच जीतने के लिए उसे 49 रन बनाने थे, जो बिना किसी विकेट के बना लिए। रजत पाटीदार ने (25) और हरप्रीतसिंह भाटिया ने (25) रन बनाए। दोनों का स्ट्राइक रेट क्रमश: 47.16 और 75.75 रहा। 
 
पहली पारी में मुझे 6 ओवर गेंदबाजी करने को मिली थी और जब मैंने गुरिंदर को आउट किया, तो लग रहा था कि कुछ और विकेट ले सकता हूं। हालांकि पिच में पहले और दूसरे दिन उतना घुमाव नहीं था, जितना तीसरे दिन हो चला था। मैं अपने पापा नरेंद्र हिरवानी से रोजाना अपने खेल पर चर्चा करता हूं। उन्होंने बुधवार की रात कहा था कि इस मैच में तुम्हारी महत्वपूर्ण भूमिका बाकी है और बल्लेबाजों को रन बनाने के साथ विकेट बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। धीरज रखना। तीसरे दिन सुबह कैप्टन देवेंद्रसिंह बुंदेला और कोच हरविंदरसिंह सोढ़ी ने कहा था कि सही एरिया में बॉल डालना। रन भी रोकना। मैंने ऐसा ही किया और लेग स्पिन के साथ फ्लिपर का ज्यादा उपयोग किया। मैं समझता हूं कि मैंने त्रिपुरा के बल्लेबाजों को गलतियां करने पर मजबूर किया। खासकर स्मित को। वह पहले ही दिमाग बनाकर खेल रहे थे और जिस गेंद पर वे आउट हुए, उसे फ्रंट फुट पर खेलना चाहते थे, लेकिन अंतिम समय में बैकफुट पर खेले। दोनों पारियों में गुरिंदर के विकेट लेना मैं खास मानता हूं।                                               
 - मिहिर हिरवानी
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