जम्मू। क्रिकेट एक जेंटलमैन गेम है, शायद इसीलिए इसकी दीवानगी दुनिया के हर कोने में देखने को मिलती है। कश्मीर की रहने वाली 15 साल की इंशा मश्ताक लोन भी क्रिकेट में अपना कदम आगे बढ़ाना चाहती थी, लेकिन कश्मीर में सुरक्षाबलों की पैलेट गन का शिकार होने
के कारण उनकी उम्मीदें फीकी पड़ गईं।
चेहरा भी खराब...
इंशा क्रिकेट खेलना पसंद करती है और वह फास्ट बॉलर बनना चाहती थी। दुर्भाग्यवंश कश्मीर में 8 जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद हुई हिंसा के दौरान वह सुरक्षाबलों की पैलेट गन ने उनकी दोनों आंखों को छीन लिया। पैलेट गन के कारण अब इंशा का चेहरा भी खराब हो चुका है। उसके चेहरे पर पैलेट गन की गोलियों के निशान पड़े हैं, लेकिन बावजूद इसके इंशा ने हिम्मत न हारने की ठान ली है। वह भले ही क्रिकेट मैच देख नहीं सकती, पर वह कॉमेंट्री सुनती रहती है।
भारत-पाक मैच न देखने का है दुख
इंशा ने बताया कि उसे भारत-पाकिस्तान के बीच चैम्पियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला न देखने का दुख है। वह कहती हैं कि उसे बहुत निराशा हुई थी, जब चैम्पियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान के साथ मैच में भारत के विकेट गिर गए थे। पैलेट का शिकार होने वाली घटना को याद करते हुए इंशा बताती है की वो उस दिन अपने गांव सेदाव में थी। 11 जुलाई की वो तारीख जब मैं अपने घर पर बैठी हुई पढ़ रही थी। इस दौरान वहां मेरी मां, आंटी और कजन भी थी। बीच बीच में हम बात भी कर रहे थे। इसी दौरान वहां हिंसा भड़क उठी। शोर कम होने पर जैसे ही मैंने घर की खिड़की खोली तो मैं पैलेट गन का शिकार बन गई।
घर बेचने को तैयार...
इंशा की आंखों को फिर से रोशन करने के लिए उसका परिवार अपना घर भी बेचने के लिए तैयार हैं। इंशा की आंखों की 6 बार सर्जरी की जा चुकी है, लेकिन अभी तक उसकी आंखों को बचाया नहीं जा सका। इंशा के पैलेट लगे चेहरे की तस्वीर और एक्स रे इंटरनेट पर वायरल होने के बाद वह कश्मीर में मिनी सेलिब्रिटी बन चुकी है। उससे कई लोग मिलने आते रहते हैं।