नई दिल्ली। महिला क्रिकेट विश्व कप में भारत की ओपनर स्मृति मंधाना का प्रदर्शन बेदम उमदा रहा है। 20 साल की मंधाना कुछ ही हफ्तों में स्टार बन गई हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे मैच में उन्होंने शानदार शतक लगातर टीम को टूर्नामेंट की दूसरी जीत दिलाई थी। मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ पहले मैच में वह शतक से चूक गई थीं। लेकिन अगर स्मृति मंधाना क्रिकेटर नहीं होतीं तो क्या होतीं? यही सवाल उनके पिता श्रीनिवास से किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा, तब स्मृति शेफ होतीं। उन्होंने बताया कि जब भी स्मृति को वक्त मिलता है, वह परिवार के लिए खाना पकाती हैं। क्रिकेट के अलावा उनकी कुकिंग में बेहद दिलचस्पी है। क्रिकेट के बाद उन्हें यही चीज सबसे ज्यादा पसंद है। अगर वह क्रिकेट में सफल नहीं होतीं, तो एक शेफ होतीं।
उनके पिता ने बताया कि जब वह छोटी थीं तो वह अपने भाई के साथ खेलती थीं। दोनों दाएं हाथ से लिखते थे, लेकिन खेलते बाएं हाथ से थे। श्रीनिवास ने बताया कि मैंने ही उन्हें बाएं हाथ से बल्लेबाजी करने को कहा, क्योंकि वे ज्यादा स्टाइलिश बैट्समैन होते हैं। गौरतलब है कि कुछ वक्त पहले स्मृति अपनी फिटनेस से जूझ रही थीं। इसी साल एक टूर्नामेंट के दौरान उनके घुटने में चोट लग गई थी। इसके चलते उन्हें वर्ल्ड कप क्वॉलिफायर्स मैच भी मिस करने पड़े। लेकिन वार्म अप मैच में विंडीज टीम के खिलाफ शानदार 82 रन की पारी ने उन्हें आत्मविश्वास दिया। स्मृति ने कहा, उस पारी ने मुझमें भरोसा जगाया कि मेरी बल्लेबाजी खोई नहीं है। चोट के बाद वापसी करना मुश्किल था, लेकिन दो मैचों में मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। मुझे उम्मीद है मेरी आगे भी यही फॉर्म बरकरार रहेगी।