नई दिल्ली। भारत की अंडर -19 और आईपीएल में दिल्ली डेयर डेविल्स के कोच राहुल द्रविड़ और मुंबई रणजी टीम के कोच व क्रिकेट कमेंटेटर अजीत अगरकर का मत है कि 2019 वर्ल्ड कप के पहले युवराज सिंह व महेंद्रसिंह धोनी के विकल्प तलाश कर लेना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनके कहने का आशय यह नहीं कि इन दोनों खिलाड़ियों को टीम से बाहर कर दें, बल्कि इनकी तरह मिडिल ऑर्डर बैट्समैन और विकेटकीपर/बैट्समैन को खेलाना शुरू कर देना चाहिए, ताकि वर्ल्ड कप के पहले उन्हें परख लिया जाए। वैसे द्रविड़ और अगरकर की बात से जाहिर होता है कि वे युवी और धोनी को खत्म मान चुके हैं, इसीलिए तो उन्होंने कहा है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ आगामी वनडे सीरीज में इन दोनों के स्थान पर किसी अन्य खिलाड़ी को आजमाना चाहिए।
सही रोड मैप की जरूरत...
चयनकर्ताओं और प्रबंधकों को इस बात का निर्णय करना होगा। कुछ निर्णय खिलाड़ियों नहीं, बल्कि प्रबंधन के हाथ में होते हैं और उन्हें भारतीय क्रिकेट के लिए एक सही रोड मैप तैयार करना होगा और इस बात पर विचार करना होगा कि क्या विश्व कप की टीम में इन दो खिलाड़यिों के लिए जगह होगी या फिर आप उपलब्ध प्रतिभाओं को परखना चाहते हैं। बोर्ड ने विंडीज दौरे पर मजबूत टीम को उतारा है, लेकिन इस दौरे के लिए अंतिम एकादश में नए खिलाड़ियों के साथ प्रयोग किया जा सकता था, लेकिन यदि अभी नए खिलाड़यिों को मौका नहीं दिया गया, तो फिर समय नहीं होगा। हम जानते हैं कि युवराज और धोनी दोनों ही फिट खिलाड़ी हैं और दोनों अच्छा खेल रहे हैं। इस बारे में किसी को शिकायत नहीं है।
राहुल द्रविड़
जोखिम नहीं उठा सकते...
चार और पांचवां क्रम काफी अहम है। विराट ने चैम्पियंस ट्रॉफी में अतिरिक्त छठा बल्लेबाज उतारा। हमारे पास हार्दिक पंड्या हैं, जो अच्छा खेल रहे हैं, लेकिन रवींद्र जडेजा, अश्विन बल्लेबाजी नहीं कर सकते। भुवनेश्वर बल्लेबाजी कर सकते हैं। छठा बल्लेबाज विराट ने इसलिए उतारा, क्योंकि वह चौथे और पांचवें नंबर के खिलाड़ी पर रनों के लिहाज से खास भरोसा नहीं कर सकते हैं। युवराज और धोनी भारत के दिग्गज क्रिकेटर रहे हैं, लेकिन विश्व कप 2019 के मद्देनजर क्या ये सही खिलाड़ी हैं। हमारी टीम में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जिन पर गंभीरता से विचार होना चाहिए। हमें खुशी है कि ऋषभ पंत जैसे नए खिलाड़ी को मौका दिया गया है, लेकिन विश्व कप में हम धोनी और युवराज दोनों को अंतिम एकादश में उतारने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं।
अजीत अगरकर