नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) क्रिकेटर एस श्रीसंत के ऊपर लगा आजीवन प्रतिबंध को हटाने की याचिका पर सुनवाई के बाद कहा है कि श्रीसंत पर बैन जारी रहेगा। दिल्ली की अदालत द्वारा मैच फिक्सिंग में संलिप्त के आरोपों में बरी किए जाने के बाद अपने ऊपर लगे आजीवन प्रतिबंध को लेकर श्रीसंत ने प्रतिबंध हटाने के लिए पुर्नविचार याचिका डाली थी। बीसीसीआई ने इसके जवाब देते हुए रविवार को श्रीसंत को एक पत्र लिख बैन हटाने से इंकार कर दिया।
बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने पत्र में कहा है कि बोर्ड अनुशासन बनाए रखने को लेकर बेहद गंभीर है। सितंबर 2013 के फैसले में जिसमें श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया तो, उसमें कोई बदलाव नहीं है। उनका कहना है कि बीसीसीआई भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति से कोई समझौता नहीं करेगा।
बीसीसीआई के इस पत्र के बाद श्रीसंत की क्रिकेट मैदान पर वापसी की उम्मीद तकरीबन खत्म मानी जा रही है। जेल में भी रहे थे श्रीसंत 2015 में दिल्ली पुलिस ने उन पर और दो अन्य खिलाड़ियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया था। श्रीसंत को जेल में भी वक्त गुजारना पड़ा था।
बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय ने इन तीनों खिलाड़ियों को बरी कर दिया था। फिक्सिंग के आरोपों से बरी होने के बाद उन्होंने बीसीसीआई से फिर से खेलने की अनुमति मांगी थी। आजीवन प्रतिबंध के कारण केरल के एस श्रीसंत बीसीसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त कोई भी लीग मैच नहीं खेल सकते हैं। श्रीसंत बीसीसीआई या उससे संबंध रखने वाले किसी राज्य संघ के स्टेडियम में अभ्यास भी नहीं कर सकते हैं।