इंदौर। जेंटलमेन गेम कहलाने वाले क्रिकेट को आईपीएल के जरिए बदनाम करने की कौशिश फ्रैंचाइजी कंपनियों के व्दारा की जा रही है। इसका उदाहरण मंगलवार को इंदौर में देखने को मिला,जहां आईपीएल फैंचाइजी किंग्स इलेवन पंजाब के पदाधिकारी हर तरह की मनमानी कर रहे है। यहां तक की मीडिया को भी प्रशंसकों से जुड़़े सवाल पूछने की इजाजत नहीं दी जा रही। जिसे लेकर हेड कोच वीरेन्द्र सहवाग के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जमकर हंगामा हुआ।
पंजाब का होम ग्राउंड
इंदौर के किक्रेट फैंस का दिल जीतने के लिए किंग्स इलेवन पंजाब इंदौर को अपना होम ग्राउंड बनाया है। लेकिन टीम मैनेजमेंट हर तरह से अपनी मनमानी करता दिखाई दे रहा है। पहले टीम प्रबंधन ने बिना पूर्व जानकारी के ऑन लाइन टिकिटों की बिक्री शुरू कर दी, और उनके बाद टिकिटों के दरों में भी खासा इजाफा कर दिया। जब पत्रकारों इस संबंध में प्रबंधन से सवाल किए तो वे बौखला गए। और पत्रकारों से बदतमीजी शुरू कर दी। यह पूरा वाकया तब हुआ जब किंग्स इलेवन पंजाब की प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी, जिसमे पत्रकारों से दुर्व्यवहार किया गया।
सहयोगी लड़कियां बदतमीजी उतर आई
इतना ही नही किंग्स इलेवन की सहयोगी कंपनी एवियन मीडिया की लड़कियां बदतमीजी पर उतर आई और इन लड़कियों के साथ अन्य लोगो ने न सिर्फ मीडिया के सवालो प्रश्न चिन्ह लगाया बल्कि मीडियाकर्मियों के मोबाइल तक छीन लिए। यही नही इन लड़कियों ने ना सिर्फ दादागिरी दिखाई बल्कि गुंडागर्दी पर उतारू होकर कहा कि हमे मीडिया की जरूरत नही है। अब जब पूरा मामला सामने आया तो दोषी लड़कियों पर कार्रवाई ना करते हुए सी इ ओ सतीश मेनन हाथ जोड़कर खड़े हो गए।
फैंचाइजी कंपनी के दादागिरी और बदतमीजि से हर कोई परेशान हो चुका है। फैंचाईजी कंपनी ने केवल मैच के आयोजन के लिए स्टेडियम किराये पर लिया हैं, लेकिन इनके गैरजिम्मेदाराना रूख से लगने लगा हैं, उन्होंने स्टेडियम के साथ - साथ सब कुछ खरीद लिया है। जिससे जैसे चाहे वैसे पेश आ सकता है। इसके जरूरी है कि पुलिस एवं प्रशासन ऐसे मामलों में हस्तक्षेप कर क्रिकेट और क्रिकेट फैंस की भलाई में कुछ सख्त कदम उठाये।