किंग्सटन। वेस्टइंडीज के आॅलराउंडर आंद्रे रसेल पर डोपिंग आचार संहिता का उल्लंघन का दोषी मानते हुए किंग्सटन में स्वतंत्र एंटी-डोपिंग पैनल ने उन पर एक वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया।
कमीशन ने कहा है कि रसेल पिछले एक साल में तीन बार डोपिंग से जुड़े नियम का उल्लंघन कर चुके हैं। इस नियम के लगातार तीन उल्लंघन को ड्रग टेस्ट में नाकाम होने के बराबर माना जाता है और इसी कारण उन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
रसेल के वकील पैट्रिक फोस्टर ने इस बात की पुष्टि की है और साथ ही कहा कि प्रतिबंध के खिलाफ अपील करने समेत सभी विकल्पों पर वह अपने क्लाइंट के साथ विचार-विमर्श कर चुके हैं।
यह उल्लंघन वह होता है जब एक एथलीट स्थानीय एंटी-डोपिंग एजेंसी को अपनी दिशा नहीं बताता है। रसेल ने 2015 में एक जनवरी, एक जुलाई और 25 जुलाई को स्थानीय एंटी-डोपिंग एजेंसी को यह जानकारी नहीं दी थी कि वह किस देश में हैं और कहां खेल रहे हैं। इसकी वजह से वाडा (विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी) के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत उनका ड्रग टेस्ट फेल माना गया।
तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल के सामने आपका पक्ष रखते हुए रसेल ने अपने बचाव में कहा था कि उन्होंने अपने एजेंट विल कुइन को प्रक्रिया पर ध्यान देने के लिए कहा है क्योंकि वह इस मामले के चलते अभ्यास पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे। तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल में शामिल फॉकनर, डॉ. मारजोरी वासेल और पूर्व जमैकाई क्रिकेटर दिक्सेथ पामर को पिछले दिसंबर में फैसला सुनाना था।