नई दिल्ली। जम्म-कश्मीर के क्रिकेटर परवेज रसूल के लिए वह बहुत ही गर्व का पल था जब उन्हें तीन साल के बाद इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की टी-20 क्रिकेट सीरिज के लिए एक बार फिर से भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में चुना गया।
हालांकि, परवेज रसूल इससे पहले 2014 में भारत की राष्ट्रीय टीम की तरफ से एक अंतराष्ट्रीय वनडे मुकाबला खेल चुके हैं। कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में गुरुवार को इंग्लैंड के साथ खेले गए पहले टी-20 मुकाबले से उन्होंने टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। इस दौरान परवेज रसूल ने कुछ ऐसा कर दिया, जिसके बाद उन पर लोगों ने देशद्रोही होने का आरोप मढ़ दिया। दरअसल, परवेज रसूल ग्रीन पार्क स्टेडियम में राष्ट्रगान के दौरान च्यूइंग गम चबाते हुए देखे गए और इसके बाद यह स्पिनर आलोचनाओं के घेरे में आ गया।
गणतंत्र दिवस के दिन ऐसी हरकत होने से फैंस और ज्यादा भड़क गए और ट्विटर पर जमकर कमेंट्स किए। सोशल मीडिया में लोगों ने उन्हें घेर लिया। एक ट्विटर यूजर ने लिखा, राष्ट्रगान के दौरान परवेज रसूल को आराम से खड़े होकर च्यूइंग गम चबाते देखकर दुख हुआ। वह भारत की जर्सी पहन सकते हैं, लेकिन राष्ट्रगान नहीं गा सकते। एक दूसरे ट्विटर यूजर ने ट्वीट किया, भारतीय टीम राष्ट्रगान के लिए खड़ी है, वहीं परवेज रसूल च्यूइंग गम चबा रहे हैं। उम्मीद है बीसीसीआई और विराट कोहली उन्हें सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस और तमीज सिखाएंगे। हालांकि, वीडियो में परवेज रसूल इन सबसे अनजान दिख रहे हैं और उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि इस बात के लिए विवाद खड़ा होगा, लेकिन ट्विटर पर परवेज के खिलाफ लोगों ने फैसला सुनाकर उन्हें गद्दार और देशद्रोही भी करार दे दिया।
क्या है कानून
राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम कानून, 1971 (प्रिवेन्शन आॅफ इंसल्ट्स टू नेशनल आॅनर एक्ट, 1971) के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति इरादतन भारत के राष्ट्रगान के प्रति असम्मान प्रकट करता है या दूसरे लोगों को इसे गाने से रोकता है या व्यवधान पहुंचाता है तो वह तीन वर्ष तक के कारावास की सजा या आर्थिक दंड, या दोनों का भागी होगा। कानून के मुताबिक, राष्ट्रगान की प्रस्तुतिकरण के समय व्यक्ति को सावधान की मुद्र में खड़ा होना चाहिए और जब तक राष्ट्रगान चले तब तक इसी मुद्रा में रहना चाहिए। इस लिहाज से परवेज रसूल दोषी करार दिए जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए यह साबित करना होगा की उन्होंने इरादतन राष्ट्रगान का अपमान किया है।
कश्मीर घाटी का पहला क्रिकेटर
कश्मीर के बिजबेहाड़ा के रहने वाले रसूल जरगर कश्मीर घाटी के पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं। घरलू क्रिकेट में एक आॅलराउंडर के रूप में स्थापित हो चुके रसूल दाएं हाथ से आॅफब्रेक गेंदबाजी के साथ मध्यक्रम में बल्लेबाजी भी करते हैं। 27 साल के रसूल जून, 2014 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे टीम में शामिल किए गए थे। अपने इकलौते वनडे में उन्होंने दस ओवर में 60 रन देकर 2 विकेट हासिल किए थे। इंग्लैंड के साथ वनडे सीरिज से पहले अभ्यास मैच में भी उन्हें शामिल किया गया था। इसमें उन्होंने 38 रन देकर तीन खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा था। आईपीएल में वह पुणे वॉरियर्स, सनराइजर्स हैदराबाद और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु के लिए खेल चुके हैं।