पुणे। महेंद्र सिंह धोनी ने भारत के सीमित ओवरों का कप्तान पद छोड़ने के अपने अचानक लिए गए फैसले के संदर्भ में कहा कि भारत में अलग प्रारूप के लिए अलग कप्तान की व्यवस्था नहीं चलती। सभी फॉर्मेट में एक ही कप्तान होना चाहिए।
इंग्लैंड के खिलाफ रविवार से शुरू होने वाली वनडे सीरिज से पहले कप्तानी छोड़कर सभी को हैरान करने वाले धोनी ने कहा कि वह हर प्रारूप के लिए अलग कप्तान रखने में विश्वास नहीं करते। धोनी ने कप्तानी छोड़ने के बाद पहली बार मीडिया से रूबरू होते हुए कहा, मैं विभाजित कप्तानी में विश्वास नहीं करता। टीम के लिए केवल एक ही कप्तान होना चाहिए। वनडे और टी-20 की कप्तानी छोड़ने के लिए मैं सही समय का इंतजार कर रहा था। मैं चाहता था कि विराट कोहली इस काम में सहज महसूस करें। इस फैसले में कुछ भी गलत नहीं है। इस टीम में तीनों प्रारूपों में अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता है। मेरा मानना है कि यह पद छोड़ने का सही समय था।
विराट की टीम ज्यादा मैच जीतेगी
धोनी ने कहा, विराट और उनकी टीम मेरी तुलना में अधिक मैच जीतेगी। मुझे लगता है कि यह अब तक सबसे सफल टीम होगी। उनके पास इस तरह का अनुभव और क्षमता है। उन्होंने नॉकआउट टूनार्मेंट खेले हैं और उन्होंने इन्हें दबाव में खेला है। धोनी ने कप्तानी छोड़ने के अपने फैसले के संबंध में कहा कि उन्होंने बीसीसीआई को काफी पहले इस बारे में अवगत करा दिया था। उन्होंने कहा कि आॅस्ट्रेलिया में 2014 के दौर में टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद से ही यह उनके दिमाग में घूम रहा था।