नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की लोढ़ा पैनल की सिफारिशों के खिलाफ हठधर्मिता कायम है और वह 5 दिसंबर को उच्चतम न्यायालय के फैसले तक इंतजार करेगा।
बीसीसीआई शुक्रवार को विशेष आम बैठक (एसजीएम) में सुधारों को लेकर कोई फैसला नहीं कर सका। बीसीसीआई से जुड़े सभी राज्य संघ सुधारों को लेकर पहली एसजीएम में लिए गए फैसलों पर डटे हुए हैं। इस बीच बीसीसीआई ने किसी प्रतिकूल फैसले की स्थिति में अपने राज्य संघों को तैयार रहने के लिए कहा है।
उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढ़ा पैनल ने सर्वोच्च अदालत में स्थिति रिपोर्ट पेश कर पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लै को पर्यवेक्षक नियुक्त करने और बीसीसीआई के सभी पदाधिकारियों को हटाने का निर्देश मांगा था। बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के ने कहा कि हम कुछ सिफारिशों को छोड़कर बाकी सिफारिशें मान चुके हैं।
हमारी आपत्ति 70 साल की आयु सीमा, दो कार्यकाल के बीच तीन साल की कूलिंग अवधि और एक राज्य एक वोट की नीति है। बीसीसीआई अब सुप्रीम कोर्ट के 5 दिसंबर को आने वाले फैसले का इंतजार करेगा। यह सभी पूर्ण सदस्यों की बैठक थी। हमने उन्हें अपनी स्थिति के बारे में बताया। सदस्यों ने भी स्पष्ट किया कि वे पहली एसजीएम में लिए गए फैसलों पर डटे हुए हैं।