दुबई। इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच यहां शारीरिक अक्षम लोगों के बीच टी-20 क्रिकेट मुकाबला खेला गया। मैच के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसे देखकर सब हैरान हो गए। फील्डिंग करते समय एक खिलाड़ी का कृत्रिम पैर निकला गया, जिसे देख कर सबके होश उड़ गए। आईसीसी अकादमी यहां शारीरिक रूप से विकलांग खिलाड़ियों का टी-20 टूर्नामेंट आयोजित कर रही है। इस मुकाबले में इंग्लैंड, पाकिस्तान, बांग्लादेश
और अफगानिस्तान की टीमें हिस्सा ले रही हैं।
पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच खेले गए मुकाबले में इंग्लैंड के फील्डर लियान थॉमस बैकवर्ड स्कॉयर लेग पर फील्डिंग कर रहे थे। तभी एक शॉट उस दिशा की तरफ आया। थॉमस जल्दी से गेंद को बाउंड्री की तरफ जाने से रोकने के लिए भागे तभी उनका एक कृत्रिम पैर निकल गया, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की और गेंद को उठाकर थ्रो किया।
थॉमस के इस अनुकरणीय प्रदर्शन के बाद न केवल उनके साथी खिलाड़ी बल्कि वहां मौजूद दर्शकों ने भी तालियां बजाकर उनका हौसला बढ़ाया। लियान थॉमस की इस जबरदस्त फील्डिंग का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और खूब वाहवाही भी बटोर रहा है।
जबरदस्त फील्डिंग, फिर भी हार गई टीम
लियान थॉमस ने गेंद को रोककर थ्रो किया, इसके बाद उन्होंने अपनी कैप सही की और फिर अपना आर्टिफीशियल पैर लगाया और फील्डिंग करने चले गए। हालांकि लियास थॉमस की ये जबरदस्त फील्डिंग इंग्लैंड के काम नहीं आई और पाकिस्तान इस मुकाबले को आसानी से जीतने में कामयाब रहा। इस हार के बाद इंग्लैंड के कप्तान इयान नायरेन ने कहा कि हमने मुकाबले में शानदार शुरुआत की थी लेकिन खेल के मिडिल ओवरों में हमने कुछ जल्दी विकेट गवां दिए जिसके चलते इंग्लैंड को हार का सामना करना करना पड़ा।
थॉमस ने जीता सबका दिल
भले ही इंग्लैंड की टीम इस मुकाबले को हार गई हो, लेकिन लियाम थॉमस के प्रयास और साहस ने खेल प्रेमियों के दिल को जीत लिया। उन्होंने पूरे मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया। आने वाले मुकाबलों में लियाम थॉमस पर हर किसी की नजरें होंगी। थॉमस के प्रदर्शन के बाद लोगों की जुबां पर उनका नाम है।
आपस में दुख बांट लेते हैं - थॉमस
मुकाबले के बाद थॉमस ने कहा कि जब उनका एक पैर बाहर निकल गया तो कुछ पल के लिए वो दुविधा में पड़ गए कि वो गेंद पकड़ें या अपना पैर उठाएं। उन्होंने कहा, मैं गेंद पकड़ने के लिए लपक रहा था। गेंद के पीछे जमीन पर गिरा, जब मैंने उठने की कोशिश की तो मुझे अहसास हुआ कि मेरा एक पैर नहीं है। कुछ पल के लिए मैं समझ नहीं पाया कि मैं गेंद पकड़ूं या पैर उठाऊं। मैंने गेंद के पीछे जाने के फैसला लिया। ये सब बस हो गया। उन्होंने कहा, हम लोग विकलांग हैं। हम सब एक- दूसरे के साथ भी मजाक करते रहते हैं। साथ ही हम सब एक- दूसरे का पूरा सपोर्ट भी करते हैं। ऐसे किसी मौके पर हम सब एक- दूसरे का दुख आपस में बांट लेते हैं।