मुंबई। भारतीय टीम के सुपरस्टार रहे मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज युवराज सिंह आप अपना 38वां जन्मदिन मना रहे हैं। 12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में जन्मे युवराज ने वैसे तो क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। वो एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने तीन विश्व कप खिताब जीते।
12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में योगराज और शबनम के घर जन्मे युवराज सिंह ने भारतीय क्रिकेट की उन सभी सफलताओं का स्वाद चखा जो सफल से सफल कप्तान भी नहीं चख सके। चंडीगढ़ में स्केटिंग की दीवानगी रखने वाला एक युवा जब अपने पिता का सपना पूरा करने क्रिकेट के मैदान पर पहुंचा तब शायद ही किसी ने उसके इस स्वर्णिम सफर के बारे में सोचा होगा। उस युवा खिलाड़ी ने ना सिर्फ अपनी मेहनत से इतिहास रचा बल्कि वो सब कुछ कर दिखाया जिसकी हसरत एक क्रिकेटर रखता है।
जीवन में जानलेवा संघर्ष (कैंसर) भी आया लेकिन समय को चुनौती देकर ये युवा फिर वापस लौटा। अभी भी लड़ रहा है और शायद तब तक लड़ेगा जब तक समय खुद नहीं कहता कि 'मैं पूरा हो चुका हूं'। युवराज सिंह को वनडे विश्व कप के बीच में ही अंदाजा हो गया था कि वो बीमारी से जूझ रहे हैं लेकिन उसको उजागर करने के बजाय उन्होंने देश के लिए खेलते रहने का फैसला किया और अंत में भारत जीता और वो मैन ऑफ द टूर्नामेंट बने।
एमएस धोनी भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तान के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने टी20 विश्व कप 2007 और वनडे विश्व कप 2011 जीता लेकिन अंडर-19 विश्व कप नहीं। विराट ने अंडर-19 विश्व कप और वनडे विश्व कप जीतने का स्वाद लिया लेकिन टी20 विश्व कप नहीं। महान सचिन तेंदुलकर ने सिर्फ वनडे विश्व कप खिताब जीता। लेकिन युवराज सिंह ने अंडर-19 विश्व कप, टी20 विश्व कप और वनडे विश्व कप, तीनों ही अपने नाम किए और तीनों ही मौकों पर वो स्टार बनकर भी सामने आए। नेटवेस्ट सीरीज में जब भारत ने इंग्लैंड को उसी के घर में रौंदा था तब मोहम्मद कैफ के साथ युवराज सिंह भी स्टार बने थे।