मुंबई। टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने क्रिकेट दौरों पर क्रिकेटरों की पत्नियों और महिला मित्रों को साथ जाने की अनुमति नहीं देने की आलोचना करते हुए गुरुवार को कहा कि यह रवैया उस मानसिकता से बना है जिसमें महिलाओं को ताकत नहीं बल्कि ध्यानभंग करने वाली माना जाता है।
भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने क्रिकेट दौरों पर क्रिकेटरों की पत्नियों और महिला मित्रों को साथ जाने की अनुमति नहीं देने की आलोचना की है। उन्होंने एक इवेंट में कहा कि यह रवैया उस मानसिकता से बना है, जिसमें महिलाओं को ताकत नहीं बल्कि ध्यान भंग करने वाली माना जाता है। सानिया ने यहां भारतीय आर्थिक मंच पर कहा कि लड़कियों को छोटी उम्र से ही खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
जब उनसे विश्व कप में पाकिस्तानी टीम की हार के बारे में पूछा गया तो सानिया ने पूछा कि आखिर वह इसके लिए कैसे जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि जब विराट शून्य बनाते हैं तो अनुष्का शर्मा को दोषी ठहराया जाता है, लेकिन इसका कहां से लेना देना है। इसका कोई मतलब नहीं बनता।
उन्होंने कहा कि कई बार हमारी क्रिकेट टीम और कई अन्य टीमों में, मैंने देखा है कि पत्नियां या महिला मित्रों को दौरे पर जाने की अनुमति नहीं दी जाती, क्योंकि लड़कों का ध्यान भंग हो जाएगा। सानिया ने कहा कि इसका क्या मतलब है? महिलाएं ऐसा क्या करती हैं कि उससे पुरुषों का ध्यान इतना भंग हो जाता है? उन्होंने कहा कि देखिए यह चीज उस गहरी मानसिकता से आती है, जिसमें माना जाता है कि महिलाएं ताकत नहीं, बल्कि ध्यान भंग करती हैं।