बेंगलुरु। इंग्लैंड की पिचों को देखते हुए भारतीय क्रिकेट टीम के सहायक कोच संजय बांगर ने कहा है कि टीम इंडिया का ध्यान पारी में ज्यादा चौके और छक्के लगाने पर नहीं बल्कि कम जोखिम वाले शॉट्स खेलने पर है। विश्व कप से पहले बांगर ने कहा है कि इंडियन प्रीमियर लीग से विश्व कप में अपनी लय को आगे ले जाने के लिए बल्लेबाजों को पूर्व-निर्धारित शॉट्स खेलने से बचना होगा। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को कम जोखिम वाले शॉट्स खेलने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। बांगर 2014 में भारतीय टीम के साथ जुड़े थे। टीम इंडिया के सहायक कोच ने एक अंग्रेजी दैनिक के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘ ट्वंटी-20 क्रिकेट में आप हर समय यही सोचते हैं कि गेंदबाज कौन सी गेंद डालेगा।
आप बिना क्षेत्ररक्षण को देखे योजनाएं बना लेते हैं लेकिन एकदिवसीय प्रारूप में आपको 120 की बजाय 300 गेंदें खेलनी होती हैं। बल्लेबाज को अपनी पारी में पहले से सोचे हुए शॉट्स खेलने से बचना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय टीम आईपीएल से बल्लेबाजी लय, फिटनेस और मैच के माहौल को विश्व कप में ले जायेगी। हमारे पास अपने एकदिवसीय आंतरिक मापदंड हैं। यदि हम इन मापदंडों के हिसाब से खेले तो हमें काफी लाभ मिल सकता है।’’ भारतीय टीम को लेकर उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय टीम का ध्यान जोखिम भरे शॉट्स न खेलना और एक रन तथा दो रन दौड़ने पर अधिक है जो उसे अन्य टीमों से अलग बनाता है। एक बल्लेबाजी इकाई के रूप में हम इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं कि टीम ने कितने चौके और छक्के लगाये।
हम स्ट्राइक को बदलना अधिक बेहतर समझते हैं इसलिए हम पारी में आउट होने के जोखिम को कम करने में सफल हो पाते हैं।’’ टीम में अपनी भूमिका को लेकर बांगर ने कहा, ‘‘खिलाड़ियों का विश्वास हासिल करना और उनको अच्छे से समझना एक कार्यकाल की सफलता होती है।’’ उन्होंने भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली के 2014 में इंग्लैंड में खराब प्रदर्शन और 2018 में शानदार प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘विराट ने ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद को नहीं छेड़ने का निर्णय लिया और उस पर कड़ी मेहनत की जिससे उन्हें लाभ मिला। बांगर ने भारत के लिये 15 वनडे तथा 12 टेस्ट मुकाबले खेले हैं। वह वर्ष 2014 से भारतीय टीम से जुड़े हुये है और वह टीम के साथ विश्व कप की तैयारियों में जुटे हुये हैं।