नई दिल्ली। भारी बिजली उपकरण बनाने वाली सरकारी कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) की जम्मू-कश्मीर स्थित किशनगंगा पनबिजली परियोजना में काम सफलतापूर्वक शुरू हो गया है। कंपनी ने बुधवार को बताया कि बांदीपुर जिले में झेलम की सहायक नदी किशनगंगा पर 330 मेगावाट की इस परियोजना की पहली दो इकाइयों में काम गत माह शुरू कर दिया गया था। तीसरी इकाई में काम बुधवार से शुरू हुआ और इस तरह भेल ने मात्र 18 दिन की अवधि में 110-110 मेगावाट की तीन इकाइयों में काम शुरू करने में सफलता पाई।
यह परियोजना एनएचपीसी लिमिटेड द्वारा विकसित की गयी है। इससे प्रतिवर्ष 13,500 लाख इकाई स्वच्छ बिजली का उत्पादन होगा। इस के लिए भेल की भोपाल, झाँसी, रुद्रपुर और बेंगलुरु विनिर्माण इकाइयों से उपकरणों की आपूर्ति की गयी है जबकि इसे पूरा करने का काम कंपनी के उत्तरी क्षेत्र विभाग ने किया है। जम्मू-कश्मीर में भेल ने अब तक 33 पनबिजली इकाइयाँ लगाई हैं जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 1,477 मेगावाट है। उल्लेखनीय है कि किशनगंगा पनबिजली परियोजना को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच लंबा विवाद चला है। दरअसल भारत और पाकिस्तान ने वर्ष 1960 में सिंधु जल संधि की थी और विश्व बैंक भी इसका हिस्सा था। पाकिस्तान का कहना था कि भारत ने इस संधि का उल्लंघन करके यह परियोजना शुरू की है।