नई दिल्ली। सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया और हेलिकॉप्टर सेवा कंपनी पवन हंस के विनिवेश के तहत अभिरुचि पत्र (ईओआई) इस महीने के अंत तक आमंत्रित किए जाने की संभावना है। नागर विमानन सचिव राजीव नयन चौबे ने सोमवार को बताया कि दोनों सरकारी इकाइयों के लिए ईओआई दो-तीन सप्ताह में आमंत्रित किए जाने की उम्मीद है। पचास हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज में डूबी एयर इंडिया में सरकार ने रणनीतिक विनिवेश का फैसला किया है, हालांकि अभी यह तय नहीं है कि वह कितनी हिस्सेदारी बेचेगी। इसके लिए आधिकारिक रूप से अब तक देश की सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी इंडिगो और एक विदेशी एयरलाइन ने रुचि दिखाई है जिसका नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है।
वहीं, पवनहंस के लिए एक बार पहले भी बोली प्रक्रिया शुरू की गई थी। उस समय अभिरुचि पत्र आमंत्रित करने के बाद सिर्फ एक ही वैध निविदा पाई गई। एक मात्र बोली प्रदाता के होने की स्थिति बोली प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकती और इसलिए इसका भी अभिरुचि पत्र दोबारा आमंत्रित किया जाएगा। एयर इंडिया के विपरीत पवनहंस मुनाफा कमाने वाली कंपनी है। इसमें सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है और वह अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने का फैसला कर चुकी है। शेष 49 प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक कंपनी ओएनजीसी की है। चौबे ने कहा कि पहले एयर इंडिया के लिए ईओआई मार्च के पहले सप्ताह में आमंत्रित करने की योजना थी, लेकिन कुछ मुद्दों को लेकर इसमें देरी हुई है। अब अगले दो-तीन सप्ताह में इन मुद्दों को हल करते हुये ईओआई जारी कर दिया जाएगा।