मुंबई। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि सरकार का रिण अभी देश के लिए किसी तरह की समस्या नहीं बना है। हालांकि, रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने कहा है कि भारत में सरकार का उंचा कर्ज सावरेन रेटिंग के लिए दबाव है। राजन ने यहां सेंट्रल मुंबई में गुरनानक कालेज के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम उन कुछ देशों में से हैं जहां अभी भारी कर्ज की समस्या नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के कई देश अत्यधिक कर्ज लेते हैं।
इससे पहले दिन में वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने कहा कि सरकार का उंचा कर्ज का बोझ सॉवरेन रेटिंग पर दबाव डाल रहा है। उसके रिण विश्लेषक किमइंग तान ने कहा, ‘‘सरकारी रिण का बोझ तथा सब्सिडी राजकोषीय लचीलेपन के रास्ते की बाधा हैं।’’ रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि वैश्विक वित्तीय संकट के बाद आई दिक्कतों के मद्देनजर दुनिया भर में केंद्रीय बैंक मुद्रा छाप रहे हैं और ब्याज दरों को काफी निचले स्तर पर ले आए हैं। उन्होंने कहा कि इससे भारत को पूंजी का प्रवाह मिल रहा है। एक इस वजह और दूसरी उंची मुद्रास्फीति की वजह से वह ब्याज दरों को कम नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास काफी पैसा आ रहा है। पूंजी प्रवाह की बर्फबारी हो रही है। हमारी समस्या उंची मुद्रास्फीति की है। हम ब्याज दरों में तेजी से कटौती नहीं कर पा रहे हैंं।’’